चेन्नई: तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी द्रमुक ने कहा है कि उसने राज्यपाल आर.एन. रवि. को वापस बुलाने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक ज्ञापन सौंपा है। द्रमुक के एक बयान के अनुसार, ज्ञापन पर पार्टी के लोकसभा और राज्यसभा सदस्यों के साथ-साथ धर्मनिरपेक्ष प्रगतिशील गठबंधन में उसके गठबंधन सहयोगियों द्वारा हस्ताक्षर किए गए हैं।
ज्ञापन में कहा गया है, हमें अपने असंतोष को दर्ज करना चाहिए कि तमिलनाडु सरकार और विधानमंडल द्वारा किए जा रहे कार्यो को राज्यपाल के कार्यालय द्वारा सार्वजनिक रूप से अपनी नीति का खुले तौर पर खंडन करके और बिलों की स्वीकृति में देरी से किया जा रहा है। ज्ञापन में कुल 20 विधेयकों को सूचीबद्ध किया गया है, जिन्हें राज्यपाल के कार्यालय द्वारा अनावश्यक रूप से विलंबित किया गया था। डीएमके के बयान के अनुसार, विधेयकों में तमिलनाडु विश्वविद्यालय कानून (संशोधन) विधेयक 2022 शामिल है, जो राज्य सरकार को राज्य के विश्वविद्यालयों में कुलपति नियुक्त करने की शक्ति देता है, जो अब तक विश्वविद्यालय के कुलाधिपति की स्थिति में राज्यपाल द्वारा प्राप्त की गई शक्ति है। डीएमके ने ज्ञापन में कहा कि राज्यपाल तमिलनाडु सहकारी समिति विधेयक को 10 महीने के लिए टाल रहे हैं।
ये भी पढ़ें-बैंक धोखाधड़ी मामले में तमिलनाडु पुलिस सहयोगियों की तलाश में जुटी
“आर.एन. रवि ने इस देश के धर्मनिरपेक्ष आदर्शो में अपने विश्वास की कमी को सार्वजनिक रूप से स्वीकार करने के लिए एक दुर्भाग्यपूर्ण प्रवृत्ति विकसित की है और अक्सर विभाजनकारी बयानबाजी में संलग्न हैं। यह हमारी सरकार के लिए एक शमिर्ंदगी है, जो इस देश के धर्मनिरपेक्ष लोकाचार के लिए अत्यधिक प्रतिबद्ध है। तमिलनाडु सरकार और राज्यपाल आर.एन. रवि का पिछले कुछ महीनों से टकराव चल रहा है।
अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें…