जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में DM ने की योजनाओं की समीक्षा, हेल्थ अफसरों का रोका वेतन

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जौनपुरः जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में संपन्न हुई। हेल्थ एण्ड वेलनेस की समीक्षा के दौरान हेल्थ वेलनेस सेंटर पर तैनात 33 कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर और 42 मेडिकल ऑफिसर का लक्ष्य के सापेक्ष कार्य न किये जाने पर डीएम ने मुख्य चिकित्साधिकारी को अग्रिम आदेश तक वेतन बाधित करने का आदेश दिया। वहीं, 11 अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर समयसीमा पूर्ण होने के बावजूद चिकित्सक उपलब्ध नहीं कराने व 16 सेंटरों का सत्यापन नहीं कराने के कारण सेंटर निरस्त करने का आदेश दिया।

परिवार नियोजन की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने महिला नसबंदी में 10 कम प्रगति वाले अधीक्षकों का वेतन बाधित करने का आदेश दिया और मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि परिवार नियोजन के अन्तर्गत किये जा रहे नसबंदी कार्य की वे स्वयं मॉनीटरिंग करें। बैठक में आयुष्मान कार्ड की समीक्षा के दौरान नोडल अधिकारी डाॅ. राजीव को डीएम ने निर्देशित किया कि आयुष्मान कार्ड बनवाने की गति तीव्र करें। आयुष्मान भारत में गोल्डन कार्ड बनाने का लक्ष्य 40000 माह फरवरी में पूर्ण किया जाये।

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जननी सुरक्षा योजना की समीक्षा के दौरान जननी सुरक्षा योजना में 90 प्रतिशत से कम प्रगति वाली इकाइयों को लापरवाही करने पर कार्यवाही की चेतावनी दी। जिलाधिकारी ने सरकारी स्वास्थ्य इकाइयों पर प्रसव कम होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि स्वास्थ्य इकाइयों पर प्रसव से सम्बन्धित समस्त मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध होनी चाहिए। इसके अतिरिक्त स्वच्छता का विशेष ध्यान रखने व प्रसूता की देख-रेख प्रशिक्षित डाक्टर या नर्स के निश्चित समयावधि पर करने के निर्देश दिये।

प्रधानमंत्री टी.बी. मुक्त भारत अभियान की समीक्षा के दौरान जिला क्षय रोग अधिकारी डाॅ. राकेश सिंह को निर्देशित किया कि शासन की मंशा है कि भारत में एक भी टी.बी. के रोगी न हों। अतः टी.बी. के नये रोगियों को खोजकर उनका शत-प्रतिशत इलाज सुनिश्चित कराएं, लक्षणयुक्त रोगियों को तुरन्त अस्पताल में इलाज करायें, जिससे रोग गम्भीर स्थिति में न जाने पाये। डीएम ने फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के अन्तर्गत निर्देशित किया कि डाक्टर की उपस्थिति में फाइलेरिया की दवा का सेवन किया जाये और आमजनमानस में फाइलेरिया से बचाव के लिए अधिक से अधिक जागरुकता की जाये, जिससे शत-प्रतिशत फाइलेरिया का समापन हो सके।

नेत्र ज्योति कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान उन्होंने डाॅ. एस.सी. वर्मा को निर्देशित किया कि अधिक से अधिक नेत्र रोग से संबंधित मरीजाें को चिहिन्त करें और उनकी आंखों का सफल इलाज करायें। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. लक्ष्मी सिंह, मुख्य चिकित्सा अधीक्षिका महिला चिकित्सालय डॉ. तबस्सुम बानो, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. के.के. राय एवं सभी अपर एवं उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी, समस्त अधीक्षक, जिला कार्यक्रम प्रबंधक एनएचएम, मोहम्मद मुस्तफा सहित अन्य अधिकारीगण/चिकित्साधिकारी उपस्थित रहे।

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