Wednesday, December 25, 2024
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DM ने जिला चिकित्सालय का किया औचक निरीक्षण, ज्वाइनिंग के बाद से डाॅक्टर की अनुपस्थिति पर मांगा स्पष्टीकरण

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झांसीः जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार ने जिला चिकित्सालय का आकस्मिक निरीक्षण किया। निरीक्षण करते हुए जिलाधिकारी ने उपस्थित चिकित्सकों से कहा कि स्वास्थ्य सेवाएं बिल्कुल जमीनी स्तर तक पहुंचे, समाज के सबसे गरीब व्यक्ति का बेहतर से बेहतर इलाज हो। उसे इलाज के दौरान किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी को यह जानकारी हुई कि दो वर्ष पूर्व ज्वाइनिंग के बाद से एक डाॅक्टर अभी तक अस्पताल में उपस्थित नहीं हुए हैं। उक्त डाॅक्टर को समय-समय पर नोटिस भी जारी किया गया। इस प्रकरण पर जिलाधिकारी ने नाराजगी जताते हुए स्पष्टीकरण मांगा है।

निरीक्षण के दौरान डीएम ने चिकित्सालय के विभिन्न वार्डों, ओ.पी.डी., पाकशाला आदि का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान नेत्र रोग कक्ष एवं हड्डी रोग कक्ष के बाहर देखा गया कि कक्ष के बाहर बहुत अधिक संख्या में लोग अपने नेत्र एवं हड्डी रोग के इलाज कराने के लिए आये हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि आगामी सभी सम्पूर्ण समाधान दिवस में नेत्र रोग के सम्बन्ध मे कैम्प आयोजित किये जाए, ताकि मरीजों को तहसील दिवस के दौरान चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध हो सके। निरीक्षण के दौरान उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जिन रोगों का इलाज कराने के लिए अधिक संख्या में लोग आते हैं, उनके कक्षों के बाहर होम गार्ड लगाकर आने वाले पुरुष एवं महिलाओं को दो पंक्ति में पंक्तिबद्ध किया जाय। इसके उपरान्त दन्त रोग कक्ष एवं मेल सर्जिकल वार्ड का निरीक्षण किया एवं वहां प्रदान की जा रही चिकित्सीय सुविधाओं को देखा। दन्त रोग कक्ष एवं मेल सर्जिकल वार्ड के निरीक्षण के उपरान्त उन्होंने पाकशाला को देखा। पकशाला में भोजन तैयार किया जा रहा था।

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पाकशाला के निरीक्षण के दौरान प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक द्वारा बताया गया कि अभी लगभग 50 से 60 मरीज भर्ती हैं। मरीजों एवं उनके तीमारदारों को मिलाकर कुल 110 लोगों के लिए भोजन तैयार किया जा रहा है। अस्पताल के निरीक्षण के दौरान एक मरीज ने बताया कि उसको बाहर की दवाई लिखी गई है। उन्होंने मरीज को लिखी गई दवाई का पर्चा देखा। निर्धारित पर्चा पर दवाई न लिखी होने के कारण एवं उस पर डाॅक्टर के हस्ताक्षर न होने के कारण उन्होंने अप्रसन्नता व्यक्त की एवं सम्बन्धित डाॅक्टर का स्पष्टीकरण लिये जाने के निर्देश दिए। यह भी निर्देश दिए कि यदि चिकित्सालय में किसी बीमारी की दवाई उपलब्ध हो, तो उससे सम्बन्धित अन्य दवा न लिखी जाए।

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