Diwali 2023: रांची: राजधानी रांची का बाजार मिट्टी के दीये (clay lamps) से सज गया है। दीपावली नजदीक आते ही हरमू और पत्थरकुड़वा के कुम्हारों की चाक रात भर तेजी से घूमने लगी है। पिछले एक-दो माह से बड़ी संख्या में मिट्टी के दीये व अन्य सामान बनाने का काम शुरू हो गया है। कई चौक-चौराहों पर दुकानें सज गयी हैं। स्टोन लगड़िया कोलकाता में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इलेक्ट्रिक उत्पादों के बावजूद लैंप का क्रेज अब भी बरकरार है। चुटिया, डोरंडा, कोकर, लालपुर, बरियातू, बूटी मोड़, हरमू समेत अन्य इलाकों में दीये बिकने लगे हैं।
कुम्हार क्या कहते हैं
पुरानी रांची के शांति आर्ट के निदेशक योगेन्द्र प्रजापति ने बताया कि वे और उनका पूरा परिवार दीये और मिट्टी के खिलौने तथा अन्य सामान बनाने का काम करता है। वह पिछले 40 साल से यह काम कर रहे हैं। दिवाली के एक महीने पहले से ही दीये बनाने का काम चल रहा है। फिलहाल बड़े साइज के साधारण दीयों की दर 120 रुपये प्रति 100 दीये हैं।
उन्होंने कहा कि रेट जरूरत के मुताबिक नहीं हैं लेकिन बिक्री ठीक है। अभी कीमत कम है, इसलिए लोग ज्यादा खरीदारी कर रहे हैं। पिछले साल दीयों का पूरा स्टॉक खत्म हो गया था। इसलिए इस बार पहले से ज्यादा दीये बनाये जा रहे हैं। सारी रात पहिया चलाना। मिट्टी कांके होचर से खरीदी गयी है। सबसे कम 10 में उपलब्ध है। कोलकाता के 21 सेट का दीया 200 रुपये और 12 पीस का सेट 100 रुपये में बेच रहे हैं। मिट्टी का लालटेन 150 रुपये में बिक रहा है।
मिट्टी से बने चीजों की बढ़ी मांग
हरमू बिजली ऑफिस के पास दुकान चलाने वाली सुगनी प्रजापति ने बताया कि यह उनका पुश्तैनी काम है। उनके तीन बेटे हैं और तीनों एक ही काम करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान के बाद मिट्टी से बनी वस्तुओं के प्रति लोगों का आकर्षण बढ़ा है। आज बड़े साइज के 100 दीयों की कीमत 120 रुपये, मीडियम साइज के 100 दीयों की कीमत 100 रुपये और छोटे साइज के 100 दीयों की कीमत 80 रुपये है। उन्होंने कहा कि लैंप के रेट कम हैं। लैंप कम पड़ने पर रेट बढ़ जाएगा। फिलहाल दीये की अच्छी बिक्री हो रही है।
पहले से ज्यादा हो रही बिक्री
हरमू रोड की कुम्हार पुतुल देवी ने कहा कि वह 25 वर्षों से यह काम कर रही हैं। दिवाली के लिए दीये बनाने का काम जोरों पर चल रहा है। साधारण दीया बड़े साइज का पिछले साल 100 रुपए में 100 पीस उपलब्ध था। इस बार 100 पीस 120 रुपये में बेच रही हूं, जबकि मिट्टी की कीमत भी बढ़ गयी है। उन्होंने कहा कि जब दीयों की कमी होती है तो कीमतें बढ़ जाती हैं। बिक्री पहले से ही अच्छी चल रही है।
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खूब बिक रहे मिट्टी के दीये, कलश
पत्थरकुदवा के कुम्हार मनोज कुमार ने बताया कि दिवाली व छठ पूजा के लिए एक माह पहले से ही दीये, कलश, ढक्कन व अन्य सामान बड़े उत्साह से बना रहे हैं। फिलहाल छोटा दीया 80 रुपये में 100 पीस, बड़ा दीया 150 रुपये में 100 पीस, ढक्कन 10 और 15 रुपये, कलश 15 से 25 रुपये में बिक रहा है। अभी बिक्री अच्छी है। उन्होंने बताया कि जब से बाजार में लाइटें आई हैं, तब से कुछ बिक्री कम हो गई थी, लेकिन कोरोना के बाद दीये और अन्य मिट्टी के सामान जैसे चाय के कप, मटन हांडी, लस्सी के गिलास, चाय बनाने की हांडी आदि की बिक्री बढ़ गई है। मिट्टी की कीमत भी बढ़ गयी है।
150 रुपये में बिक रहे 100 दीये
पत्थरकुदवा की जानकी देवी ने कहा कि उनका पूरा परिवार वर्षों से मिट्टी के दीये व अन्य सामान बना रहा है। दो महीने से पूरा परिवार छठ के लिए दीये, गमले, ढक्कन और खिलौने बनाने में जुटा है। इनकी बिक्री शुरू हो चुकी है। बड़े आकार के 100 दीपक 150 रुपये में बिक रहे हैं। छोटे कलश 20 रुपये और बड़े कलश 25 रुपये में बिक रहे हैं।
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