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Diwali 2023: फाइव स्टार होटलों में जलेंगे गोबर के दीये, महिलाएं कर रहीं निर्माण

diwali-2023 Diwali 2023: बांदा: जिले में गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से जिला प्रशासन गौ आधारित विभिन्न उत्पाद तैयार करने की पहल कर रहा है। इस पहल के तहत गाय के गोबर से दीपक बनाने का काम राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की महिला सहायता समूह द्वारा किया जा रहा है। इन महिलाओं को इस दिवाली 51000 दीये बनाने का लक्ष्य दिया गया है। अब तक 24000 दीपक बनाए जा चुके हैं। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की महिलाएं जिले में विभिन्न कार्यों में अहम भूमिका निभा रही हैं। इसी कड़ी में उन्हें गाय के गोबर से इको-फ्रेंडली दीये बनाने का काम सौंपा गया है, जिसके अंतर्गत खुशी महिला प्रेरणा उत्पादक समूह ग्राम त्रिवेणी विकासखंड बड़ोखर खुर्द की महिलाएं गोबर से दीपक बनाने का कार्य कर रही हैं। प्रशासन ने इन्हें इको-फ्रेंडली दीये बनाने के लिए पांच मशीनें भी खरीदकर दी हैं।

40-50 मिनट तक जलता रहता है दीया

इन दीयों को बनाने में तीन भाग गाय का गोबर और एक भाग मिट्टी का उपयोग किया जाता है। इन्हें आग में नहीं पकाया जाता बल्कि छाया में सुखाया जाता है। सूखने के बाद इन्हें रंगा जाता है। इन दीयों को बनाने के बाद इनमें मोम भर दिया जाता है और इनमें बाती लगा दी जाती है। इस प्रकार तैयार किया गया दीपक लगभग 40-50 मिनट तक जलता रहता है। आने वाले समय में जिला प्रशासन भी समन्वय स्थापित कर देश के विभिन्न स्थानों पर स्थित पांच सितारा होटलों में लैंप की आपूर्ति करेगा। यह भी पढ़ेंः-अयोध्या: भव्य दीपोत्सव की तैयारियां शुरू, बनेगा विश्व रिकॉर्ड इस संबंध में जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल ने कहा कि गाय के गोबर से बने दीपक जहां पर्यावरण को प्रदूषण से बचाते हैं, वहीं पर्यावरण को शुद्ध भी करते हैं। इन लैंपों से निकलने वाला धुआं आंखों को नुकसान नहीं पहुंचाता है और सबसे अच्छी बात यह है कि ये लैंप आसानी से नष्ट हो जाते हैं। इन दीयों को इस्तेमाल करने के बाद अगर आप इन्हें किसी गमले में रख देंगे तो ये खाद का भी काम करेंगे। इन दीपकों के वैदिक लाभों की बात करें तो ये दीपक सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करते हैं और वास्तु दोषों से भी मुक्ति दिलाते हैं। उन्होंने लोगों से भारतीय पर्व एवं त्योहारों को पूर्ण सनातन एवं वैदिक माहौल में मनाने की अपील की है। अपने घर, आंगन, पूजा स्थल और संस्थानों में गाय के गोबर के दीपक जलाएं। अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)