मथुरा: श्रीकृष्ण विराजमान मामले की सुनवाई नवागत जिला जज यशवंत मिश्रा की अदालत में गुरुवार को हुई जिसमें दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद जिला जज ने अगली सुनवाई की तारीख 11 जनवरी दी। सुनवाई में शाही ईदगाह मस्जिद ट्रस्ट के सचिव/अधिवक्ता तनवीर अहमद ने कहा कि यह अपील मैंटेनेबिल नहीं है।
श्रीकृष्ण विराजमान मामले को लेकर 25 सितंबर,2020 को सिविल जज सीनियर डिविजन की अदालत में रंजना अग्निहोत्री, प्रवेश शुक्ला, राजेश मणी त्रिपाठी और करूणेश कुमार शुक्ला की ओर से अपील दायर की गई थी जिसमें यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, कमेटी आफ मैनेजमेंट ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह, श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट व श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान को पार्टी बनाया था। सिविल जज सीनियर डिविजन ने 30 सितंबर 2020 को इसे खारिज कर दिया था, जिसके खिलाफ रंजना अग्निहोत्री आदि ने 12 अक्टूबर,2020 को जिला जज की अदालत में अपील की थी, जिस पर अदालत ने सभी पक्षकारों को नोटिस जारी किए थे।
श्रीकृष्ण विराजमान मामले को लेकर जिला न्यायालय जज जसवंत कुमार मिश्रा की कोर्ट में गुरूवार दोपहर से लेकर शाम तक सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता और पक्षकारों ने अपनी बहस की। जन्मभूमि मामले के शाही ईदगाह कमेटी के अधिवक्ता तनवीर अहमद ने आपत्ति जताते हुए कहा कि जन्मभूमि मामले की याचिका स्वीकार करने लायक नहीं है। क्योंकि लोअर कोर्ट ने इस को खारिज कर दिया था, वन टेन की एप्लीकेशन बार-बार न्यायालय कोर्ट में डाली जा रही है। इस पर रंजना अग्निहोत्री की ओर से अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने उनका पक्ष रखा। वहीं शाही ईदगाह मस्जिद कमेटी की ओर से अधिवक्ता नीरज शर्मा, सौरभ श्रीवास्तव, अबरार हुसैन व इकरार हुसैन ने अदालत में बहस की। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।
विष्णु शंकर जैन ने कहा कि शाही मस्जिद ईदगाह की ओर से आपत्ति जाहिर की गई है। हमारे मामले को अदालत ने पहले ही स्वीकृत कर लिया है। शासकीय अधिवक्ता शिवराम सिंह तरकर ने बताया कि श्रीकृष्ण विराजमान मामले की अगली सुनवाई के लिए अदालत ने 11 जनवरी की तिथि निर्धारित की है।