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सुंदर पिचाई को खुला पत्र, 500 कर्मचारियों ने सामने रखी ये मांग

HELSINKI, Sept. 20, 2019 (Xinhua) -- Google CEO Sundar Pichai attends a joint press conference with Finnish Prime Minister Antti Rinne (not in the picture) in Helsinki, Finland, on Sept. 20, 2019. Google CEO Sundar Pichai said here on Friday that the internet giant had decided to invest 3 billion euros (3.3 billion U.S. dollars) to expand its data centers in Europe over the next two years. (Photo by Matti Matikainen/Xinhua/IANS)

सैन फ्रांसिस्कोः एल्फाबेट और गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई को खुला पत्र लिखकर 500 से अधिक कर्मियों ने मांग की है कि कंपनी उत्पीड़कों को संरक्षण देना बंद करें और वर्कर्स को काम करने के लिए एक शांतिपूर्ण माहौल प्रदान करें। एक इंजीनियर के तौर पर गूगल में पहले काम कर चुकीं एमी नेटफील्ड ने द न्यूयॉर्क टाइम्स में एक ओपिनियन पीस लिखा, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें उस शख्स के साथ एक के बाद एक मीटिंग करने के लिए मजबूर किया जाता था, जिसके द्वारा उन्हें परेशान किया जाता था।

एमी लिखती हैं, "मुझे परेशान करने वाला आदमी अभी भी मेरे पास बैठता है। मेरे मैनेजर ने मुझे बताया कि एचआर द्वारा उसके डेस्क को बदला नहीं जाएगा। ऐसे में या तो घर से काम करो या छुट्टियों पर चली जाओ।"

एमी के आवाज उठाने के बाद ही मामले ने तूल पकड़ा शुक्रवार देर रात को मीडिया पर प्रकाशित हुए इस खुले पत्र में लिखा गया, "यह एक बड़ी बात है, जहां एल्फाबेट उत्पीड़कों द्वारा नुकसान पहुंचाए गए लोगों की सुरक्षा करने के बजाय उत्पीड़कों को संरक्षण देता है। उत्पीड़ित किए जाने के बारे में शिकायत करने वाले व्यक्ति को बोझ सहने के लिए मजबूर किया जाता है। आमतौर पर परेशान होने वाला व्यक्ति ऑफिस छोड़ देता है, लेकिन दोषी वहीं रह जाता है या उसे उसकी हरकतों के लिए पुरस्कृत किया जाता है।"

इसमें आगे लिखा गया, "एल्फाबेट के 20,000 से अधिक कर्मियों द्वारा यौन उत्पीड़न के खिलाफ विरोध जताने और परेशान हुए व्यक्ति को सरंक्षण देने के बाद भी ऐल्फाबेट में कोई बदलाव नहीं हुआ है और यह गूगल के नियमों का पालन करने में व्यर्थ रहा है।"

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कर्मियों ने आगे यह भी लिखा, "ऐल्फाबेट के कर्मी एक ऐसे माहौल में काम करने की इच्छा रखते हैं, जो उत्पीड़कों से मुक्त हो। पीड़ितों की चिंता को प्राथमिकता देते हुए कंपनी को उनके कर्मियों की सुरक्षा का ख्याल रखना चाहिए।"