आपदा प्रबंधन: सेवा के साथ बनाएं बेहतरीन करियर

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लखनऊः प्रकृति कब अपना विनाशकारी रूप दिखा दे, ये किसी को पता नहीं होता। प्राकृतिक आपदा कभी भी कहीं पर भी आ सकती है। इस पर किसी का कोई जोर नहीं चलता। आए दिन भूकंप, भू-स्खलन और बाढ़ से हमें दो-चार होना पड़ता है। ऐसे में प्राकृतिक आपदा आने पर सबसे ज्यादा आवश्यकता पड़ती है आपदा प्रबंधन की। आपदा प्रबंधन का जिम्मा आपदा प्रबंधकों का होता है। आपदा प्रबंधक आपदा में फंसे लोगों को आर्थिक सहायता पहुंचाने के साथ आवश्यक मानवीय सहयोग भी उपलब्ध कराते हैं। आपदा के समय में अगर कोई हमारे सबसे अधिक काम आते हैं तो वे आपदा प्रबंधक ही होते हैं। ऐसे में अगर आप भी आपदा प्रबंधक बनना चाहते हैं तो आपके पास भी है मौका। यहां हम आपको बताएंगे कि आप कैसे आपदा प्रबंधक के रूप में अपना करियर बना सकते हैं। उसके लिए क्या योग्यता चाहिए और कहां से आप कर सकते हैं।

आपदा प्रबंधक का होता है ये काम

आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में अपना करियर बनाने के लिए सबसे पहले ये जानने की ज़रूरत है कि आपदा प्रबंधन में आखिर काम क्या होता है। आपदा प्रबंधक का मुख्य काम प्राकृतिक आपदाओं के कारण होने वाले जान−माल के नुकसान को न्यूनतम करना होता है। साथ ही वे आपदा के शिकार लोगों की न सिर्फ जान बचाते हैं, बल्कि राहत कार्यों में भी सक्रिय भागीदारी निभाते हैं। उनका कार्य यह सुनिश्चित करना होता है कि समस्त आवश्यक सहायक साधन और सुविधाएं सही समय पर आपदाग्रस्त क्षेत्र में उपलब्ध हों। वैसे आपदा प्रबंधक का कार्य देखने में जितना आसान लगता है, वह वास्तव में उतना ही कठिन होता है। आपदा प्रबंधक का कार्य बेहद जोखिमभरा होता है। कभी−कभी तो उन्हें अंजान खतरों का सामना भी करना पड़ता है, जिसमें उन्हें अपनी जान का जोखिम भी लेना पड़ता है।

स्किल्स

आपदा प्रबंधक बनने के लिए स्किल्स के बारे में बात करें तो एक बेहतर आपदा प्रबंधक बनने के लिए आपके मन में जनसेवा का भाव होना बेहद आवश्यक है, क्योंकि आपदा प्रबंधन का कार्य एक मानवता जनसेवा का कार्य है। इसके साथ ही आपको शारीरिक व मानसिक रूप से बेहद स्ट्रांग भी होना चाहिए, ताकि आप अत्यधिक दबाव व तनावपूर्ण स्थितियों में बिना आपा खोए अपना कार्य सही ढंग से कर सके। आपका कार्य करने का उत्साह व दूसरों की मदद करने का जज्बा कभी भी फीका नहीं पड़ना चाहिए। आपदा प्रबंधन का कार्य एक जज़्बे का कार्य है।

योग्यता

अगर आपदा प्रबंधन में करियर के लिए योग्यता की बात करें इस क्षेत्र में अपना करियर बनाने वाले छात्र-छात्राओं को 12वीं में कम से कम 50 प्रतिशत अंक के साथ उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। इसके बाद इच्छुक उम्मीदवार सर्टिफिकेट, डिप्लोमा से लेकर मास्टर्स डिग्री तक कर सकते हैं। वहीं इस क्षेत्र में शॉर्ट टर्म कोर्सेस से लेकर डिस्टेंस लर्निंग कोर्स भी उपलब्ध हैं। जिनके ज़रिए एडमिशन लेके आप अपना भविष्य आपदा प्रबंधन में बना सकते हैं।

कोर्स

आपदा प्रबंधन में करियर बनाने वाले इच्छुक उम्मीदवार इस क्षेत्र में एडमिशन लेने के लिए अलग-अलग कोर्स में अपना नाम लिखा सकते हैं। इस क्षेत्र के कुछ प्रमुख कोर्स हैं-
सर्टिफिकेट कोर्स इन डिजास्टर मैनेजमेंट
डिप्लोमा इन डिजास्टर मैनेजमेंट
एमए इन डिजास्टर मैनेजमेंट
एमबीए इन डिजास्टर मैनेजमेंट
पीजी डिप्लोमा इन डिजास्टर मैनेजमेंट

क्या हैं सम्भावनाएं

किसी क्षेत्र में अपना भविष्य बनाने के लिए सबसे पहले ये देखना या जानना ज़रूरी है कि उस क्षेत्र में क्या सम्भावनाएं हैं या उसका कितना स्कोप है। ऐसे में आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में इच्छुक उम्मीदवारों के पास अपार संभावनाएं हैं। आपदा प्रबंधन का कोर्स करने के पश्चात् आप सरकारी या प्राइवेट सेक्टर में नौकरी की तलाश कर सकते हैं। देश के विभिन्न सरकारी विभाग जैसे फायर डिपार्टमेंट या सूखा प्रबंधन क्षेत्र में हमेशा ही प्रोफेशनल्स की डिमांड बनी रहती है। चूंकि प्राकृतिक आपदाएं दुनिया के किसी भी हिस्से में हो सकती हैं, इसलिए डिजास्टर मैनेजमेंट प्रोफेशनल्स की डिमांड विदेशों में भी होती हैं। आप चाहें तो वहां के एनजीओ, यूएनओ, राहत एजेंसियों, एमनेस्टी इंटरनेशनल, रेड क्रॉस या यूनेस्को आदि के साथ जुड़कर भी कार्य कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त आप टीचिंग और रिसर्च क्षेत्र में भी कॅरियर की संभावनाएं तलाश कर सकते हैं।

आमदनी

अब बात करते हैं आमदनी की। किसी भी क्षेत्र में करियर बनाने के लिए हर इंसान ये देखता है कि उसकी इस क्षेत्र में कितनी आमदनी है। इसमें उन्हें कितनी सैलरी मिलने की संभावना है और कितने तक की सैलरी हो सकती है, जिससे कितनी आमदनी होगी। इस क्षेत्र में आमदनी से अधिक आत्मिक शांति ज्यादा महत्व रखती है। जहां तक सवाल आमदनी का है तो यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किसी संस्था के साथ जुड़कर कार्य कर रहे हैं। फिर भी शुरूआती तौर पर आप 10 हजार से लेकर 20 हजार आसानी से कमा सकते हैं। वहीं थोड़े अनुभव के पश्चात् आपका पद व आमदनी भी बढ़ जाती है।

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प्रमुख शिक्षण संस्थान

नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ डिजास्टर मैनेजमेंट, नई दिल्ली।
दिल्ली इंस्टीटयूट ऑफ फायर इंजीनियरिंग, नई दिल्ली।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, दिल्ली।
गुरू गोविंद सिंह इन्द्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी, दिल्ली।
राष्टीय अग्निशमन सेवा महाविद्यालय, महाराष्ट्र।
इंस्टीटयूट ऑफ डिजास्टर मैनेजमेंट एंड फायर सेफ्टी, पंजाब।
डिजास्टर मैनेजमेंट इंस्टीटयूट, मध्यप्रदेश।