सीधी: मध्य प्रदेश के सीधी जिले में एक आदिवासी युवक पर पेशाब करने के आरोपी प्रवेश शुक्ला ने खुद का बचाव करने के लिए पीड़ित को बिना बताए धोखे से एक शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करा लिया। यह खुलासा खुद पीड़ित आदिवासी युवक दशमत रावत ने किया है।
अनपढ़ होने का उठाया फायदा
शुक्रवार को दशमत का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसमें उसने बताया कि प्रवेश शुक्ला उसे शपथ पत्र बनवाने के लिए ले गया था। कुछ लोग पढ़-लिख रहे थे और बहुत शोर हो रहा था। कुछ देर बाद आरोपी उसे अंदर ले गया और उसके अनपढ़ होने के कारण धोखे से उससे हस्ताक्षर करा लिए। उसे नहीं पता था कि वह किस कागज पर हस्ताक्षर कर रहा है। प्रवेश का वीडियो प्रसारित होने के बाद उन्हें इस बात की जानकारी हुई।
दशमत ने यह भी कहा कि सरकार ने प्रवेश शुक्ला को उनकी गलती की सजा दी है। उसे अपनी गलती का एहसास हो गया होगा। मैं सरकार से मांग करता हूं कि उन्हें अब रिहा किया जाए।’
नशे की हालत में की थी पेशाब
वहीं, मामले की जांच के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा गठित भाजपा की तीन सदस्यीय टीम ने भी शुक्रवार को कुबरी गांव में दशमत से मुलाकात की। टीम में शामिल कोल आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष रामलाल रौतेल ने उनसे कई बिंदुओं पर बातचीत की। दशमत ने बताया कि प्रवेश ने नशे की हालत में उस पर पेशाब कर दिया था। रौतेल ने कहा कि यह घटना अमानवीय और घृणित है। वहीं, जांच टीम के साथ गए बीजेपी जिला मंत्री विवेक कोल ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि वह विधायक केदारनाथ शुक्ला की वजह से इस्तीफा दे रहे हैं।
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आरोपी प्रवेश शुक्ला के घर पर बुलडोजर की कार्रवाई पर अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज ने नाराजगी जताई है। घर की मरम्मत के लिए समाज ने उनके पिता को करीब एक लाख रुपये की राशि दी है।
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