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दिल जीतते रहे कुंवारे

लखनऊ: समय के साथ बहुत चीजें बदल जाती हैं, लेकिन भारतीय राजनीति में ऐसा नहीं हुआ। सत्ता में कुंवारों ने हमेषा से ही लोगों को दिल जीता है। सभासद से लेकर देष के राष्ट्रपति तक कुंआरे बन चुके हैं। इनका दौर आज भी चल रहा है। स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी 1996 में देष के प्रधानमंत्री बने थे, डाक्टर अब्दुल कलाम 2002 में भारत के राष्ट्रपति बने। इन दोनों महापुरुषों ने शादी नहीं की थी। वर्तमान में देष के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विपक्ष के नेता राहुल गांधी कुंवारे ही हैं।

इन दिनों देष में कुंुआरे राजनीतिज्ञों पर चर्चा चल रही है। इसका कारण है कि बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में जमकर गहमा-गहमी हो चुकी है। इसका कारण है कि यहां तमाम धुरंधर प्रत्याषी कुंवारे ही थे। इस सूची में राष्ट्रीय जनता दल के नेता व बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता कन्हैया कुमार शामिल हैं। जमुई से भारतीय जनता पार्टी की विधायक व इंटरनेशनल शूटर श्रेयसी सिंह एवं प्लुरल्स की अध्यक्ष पुष्पम प्रिया चैधरी भी कुंवारों की लिस्ट में हैं।

आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं। महागठबंधन की सरकार में उनके उप मुख्यमंत्री रहते हुए शादी के प्रस्तावों की लाइन लग गई थी। 31 साल के तेजस्वी ने क्रिकेटर से राजनीतिक तक का सफर तय किया है। एक बार उन्होंने कहा था कि वे चिराग पासवान एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत की शादी के बाद ही इस दिशा में सोचेंगे।

एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान 38 साल के हो चुके हैं। चिराग ने पहले बॉलीवुड में किस्मत आजमाया, फिर राजनीति में आकर पिता राम विलास पासवान की विरासत संभाल ली। कुछ साल पहले उनकी मां ने बेटे की शादी की बात कही थी, लेकिन पिता के निधन के बाद फिलहाल यह होता नहीं दिख रहा है।

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ की राजनीति से मुख्यधारा की राजनीति में आए कन्हैया कुमार वामपंथी राजनीति के स्थापित चेहरा बन चुके हैं। सीपीआइ नेता कन्हैया बीते लोकसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी व अब केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के खिलाफ खड़े थे।  दिग्गज राजनेता व पूर्व मंत्री रहे दिग्विजय सिंह की बेटी तथा अंतरराष्ट्रीय निशानेबाज श्रेयसी सिंह जमुई से बीजेपी की विधायक हैं। दिग्विजय सिंह बिहार के बांका से सांसद रहे। श्रेयसी की मां पुतुल सिंह भी सांसद रहीं हैं। 29 साल की श्रेयसी ने अभी तक शादी नहीं की है।

अपनी राजनीतिक पार्टी प्लुरल्स बनाकर खुद को सीधे मुख्यमंत्री चेहरा घोषित करने वाली पुष्पम प्रिया चैधरी ने विधानसभा चुनाव में तो कोई कमाल नहीं दिखाया, लेकिन व्यवस्था के खिलाफ एक चर्चित चेहरा जरूर बन गईं। उनके पिता विनोद चैधरी जनता दल यूनाइटेड के विधान पार्षद रहे हैं। लंदन से उच्च शिक्षा प्राप्त पुष्पम भी अविवाहित हैं।

कराते रहे शक्ति का अहसास

एपीजे अब्दुल कलाम राजनीति में नहीं रहे, लेकिन राजनीतिक दलों ने उनको 2002 में भारत का राष्ट्रपति बनाया। वह देश में बैलिस्टिक मिसाइलों के निर्माण में अहम योगदान देने के लिए जाने गए। कलाम ने 1998 में पोखरण परमाणु परीक्षण में अहम संगठनात्मक, तकनीकी और राजनीतिक भूमिका निभाई थी।

अटल बिहारी वाजपेयी भारत के बहुत ही लोकप्रिय और प्रभावशाली नेता थे। वह अपने कुंवारेपन की दुहाई सार्वजनिक मंचों से देते रहे। वे यह कहते रहे कि चूंकि उनका कोई परिवार नहीं है, इसलिए उनके सत्ता में आने से किसी तरह के वंशवाद या परिवारवाद को बढ़ावा नहीं मिल सकता। वह संसद के लिए नौ बार चुने गए। तीन बार देश के प्रधानमंत्री बने। विश्व के इतिहास में ऐसा बहुत कम हुआ है कि किसी बड़े लोकतंत्र में दो कुंवारे नेताओं के बीच देश की लीडरशिप के लिए जंग हो। 2014 लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने नरेंद्र मोदी को पीएम का उम्मीदवार घोषित किया गया था।

अभिनेत्री से नेता बनीं जे जयललिता चार बार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री थीं। उन्होंने राजनीति में हमेशा अपने अविवाहित होने को प्रचारित किया था। नवीन पटनायक बीजू जनता दल के अध्यक्ष हैं। वर्ष 2000 से ओडिशा की मुख्यमंत्री हैं। नवीन खुद को अविवाहित बताते हुए अपने वोटर्स से कहते रहे हैं कि कांग्रेसियों की तरह उनका कोई परिवार नहीं है।

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 राजनीतिक धुरी रहे ये नाम

देष में कई और ऐसी राजनीतिक हस्तियों ने लंबे समय तक अहसास कराया कि ऊंचाइयों के लिए शादी जरूरी नहीं होती। उत्तर प्रदेष में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अविवाहित हैं। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, पष्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ऐसे नाम हैं, जिन्होंने शादी नहीं की। मध्य प्रदेष की पूर्व मंख्यमंत्री उमा भारती, दीपक अधिकारी, षोभाकरंदलाजे, साक्षी महाराज, ज्योतिर्धुवेे, दिव्य स्पंदना, सर्वानंद सोनोवाल, शुभेंद्र अधिकारी, भगत सिंह कोष्यारी, महबूबा मुफ्ती, महेषगिरि, साध्वी निरंजन ज्योति, मीनाक्षी नटराजन, कुम्मनन राजषेखरन, केएन गोविंदाचार्य अविवाहित रहे।