भोपाल: मध्यप्रदेश में हाल ही में उच्च न्यायालय द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 14 फीसदी आरक्षण देने के निर्णय को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ और राज्यसभा सांसद नेता दिग्विजय सिंह ने अब आरक्षण की सीमा 75 फीसदी तक करने की पैरवी कर दी है। उन्होंने कहा है कि केन्द्र सरकार को इसके लिए संविधान संशोधन करना चाहिए।
दरअसल, मध्यप्रदेश में पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण की सीमा 14 से बढ़ाकर 27 फीसदी कर दी गई थी। राज्य सरकार के इस फैसले के लिए उच्च न्यायालय में इस आधार पर जनहित याचिकाएं दायर की गई कि इससे आरक्षण की सीमा 50 फीसदी से अधिक हो जाएगी। उच्चतम न्यायालय ने भी 50 फीसदी से अधिक आरक्षण की सीमा को नकारा है। मप्र उच्च न्यायालय ने इसी आधार पर प्रदेश में ओबीसी वर्ग को 27 आरक्षण देने के फैसले पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार को विभिन्न भर्तियों में फिलहाल 14 फीसदी आरक्षण देने को कहा है।
उच्च न्यायालय के इस फैसले को लेकर प्रदेश में जमकर राजनीति हो रही है। कांग्रेस नेता इस मामले में राज्य सरकार पर आरोप लगा रहे हैं। पूर्व सीएम एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने भी हाल ही में शिवराज सिंह चौहान सरकार पर उच्च न्यायालय में कमजोर पैरवी का आरोप लगाया था। अब दिग्विजय सिंह का बयान सामने आ गया है। उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार को आरक्षण के मुद्दे पर संविधान संशोधन करना चाहिए, अन्यथा यह हमेशा विवाद का विषय रहेगा।
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वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने शनिवार को ट्वीट करते हुए कहा है कि -” केंद्र सरकार को एससी, एसटी, ओबीसी ओपन कैटेगरी के गरीब परिवारों के आरक्षण की सीमा तय करने के लिए संविधान संशोधन कर राज्य सरकारों को 75 प्रतिशत आरक्षण तक का अधिकार दे देना चाहिए। अन्यथा यह सदैव विवाद का विषय बना रहेगा।”
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