अपराध रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण, बलात्कार और सांप्रदायिक दंगों में आई कमी, देखिए गृह मंत्रालय की रिपोर्ट

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नई दिल्लीः राज्यसभा में आज गृह मंत्रालय ने एक लिखित जवाब में कहा कि देश रेप के मामलों में और सांप्रदायिक दंगों में कमी आई है। गृह मंत्रालय ने कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की पुलिस ने 2019 में इस तरह के 440 मामले दर्ज किए। जबकि 2018 में इनकी संख्या 512 थी। मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी में ये भी बताया गया कि बलात्कार, हत्या और किडनैपिंग के मामलों में कमी आई है।

राज्यसभा में एक लिखित जवाब देते हुए गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक 2019 में देश में सांप्रदायिक दंगों की संख्या में कमी आई। विभिन्न राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की पुलिस ने 2019 में इस तरह के 440 मामले दर्ज किए। जबकि 2018 में इनकी संख्या 512 थी।

गृह मंत्रालय ने बताया कि देश में बलात्कार, हत्या और अपहरण के मामलों में कमी आई है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो वर्ष 2019 में देशभर में बलात्कार के 32,033, हत्या के 28,918 और किडनैपिंग के 1,05,037 मामले दर्ज किए गए। जबकि 2018 में यह संख्या क्रमश: 33,356, 29,017 और 1,05,734 थी।

डिजिटली उपलब्ध हुए अपराध के आंकड़े

गृह मंत्रालय ने अपने जवाब में कहा कि देश में आपराधिक आंकड़ों के डिजिटलीकरण पर जोर दिया जा रहा है। Crime and Criminal Tracking Network and Systems पर अब कुल 30.81 करोड़ आपराधिक आंकड़े उपलब्ध हैं।

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इंटरनेट शटडाउन की जानकारी नहीं

गृह मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि देश में कितनी बार इंटरनेट शटडाउन किया गया, इसकी सूचना उसके पास नहीं है। दंगों या तनाव की स्थिति में दूरसंचार सेवाओं को अस्थायी तौर पर बंद रखने का फैसला राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेश के अधिकारी लेते हैं ताकि कानून व्यवस्था को व्यवस्थित रखा जा सके।