dhanteras 2023, नई दिल्लीः देशभर में आज धनतेरस का पर्व मनाया जा रहा है। कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है। इसी दिन से दिवाली के पांच दिन के पर्व की शुरुआत हो जाती है। धनतेरस इस 5 दिवसीय पर्व का पहला दिन होता है। धनतेरस पर मां लक्ष्मी और कुबेर देवता की पूजा का विधान है, साथ ही यह दिन भगवान धन्वंतरि के जन्मोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है।
नेताओं ने देशवासियों को दी धनतेरस की शुभकामनाएं
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर सहित तमाम नेताओं ने धनतेरस (Dhanteras) पर देशवासियों को शुभकामनाएं दी। प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर कहा है, ‘स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि के प्रतीक पर्व धनतेरस पर मेरे परिवार के सभी सदस्यों को बहुत-बहुत बधाई। मेरी कामना है कि भगवान धन्वंतरि की कृपा से आप सभी सदैव स्वस्थ, समृद्ध एवं प्रसन्न रहें ताकि विकसित भारत के संकल्प को नई ऊर्जा मिलती रहे।
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इस पावन पर्व पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ‘एक्स’ पर कहा है, ‘सभी देशवासियों को धनतेरस की हार्दिक शुभकामनाएं। धनतेरस का यह पावन पर्व हर किसी के जीवन में सुख, समृद्धि और सौभाग्य लेकर आये। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने ‘एक्स’ पर कहा है, ‘धनतेरस के पावन पर्व पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। माँ लक्ष्मी की कृपा से आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वास हो। भगवान धन्वंतरि की कृपा से आप स्वस्थ रहें। यही प्रार्थना है.
धनतेरस का शुभ मुहूर्त
धन्वंतरि को भगवान विष्णु का 12वां अवतार माना जाता है। इस साल धनतेरस का त्योहार 10 नवंबर को मनाया जाएगा। इस दिन श्रद्धापूर्वक भगवान धन्वंतरि की पूजा करने से लंबी आयु और आरोग्य का आशीर्वाद मिलता है। साथ ही धनतेरस पर सोने व चांदी से बनी वस्तुएं व स्टील के बर्तन खरीदना बेहद शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन खरीदारी से साल भर धन में वृद्धि होती है। इसके अलावा झाड़ू खरीदना भी अच्छा माना जाता है। मान्यता है इस दिन झाड़ू खरीदने से मां लक्ष्मी मेहरबान रहती हैं।
इस बार धनतेरस की त्रयोदशी तिथि आज यान शुक्रवार को दोपहर 12 बजकर 35 मिनट से शुरू हो रही है और इस तिथि का समापन 11 नवंबर यानी कल दोपहर 1 बजकर 57 मिनट पर होगा। धनतेरस का आज पूजन मुहूर्त शाम 5 बजकर 47 मिनट से लेकर शाम 7 बजकर 43 मिनट तक रहेगा। जिसकी अवधि 1 घंटा 56 मिनट रहेगी। जबकि प्रदोष काल- शाम 05 बजकर 30 मिनट से शुरू होकर 08 बजकर 08 मिनट तक रहेगा।
पूजा विधि
धनतेरस के दिन शाम के समय उत्तर दिशा की ओर कुबेर और धन्वंतरि की स्थापना करनी चाहिए। दोनों के सामने एक-एक मुख वाला घी का दीपक जलाना चाहिए। भगवान कुबेर को सफेद मिठाई और धन्वंतरि को पीली मिठाई अर्पित की जाती है। पूजा के दौरान “ओम ह्रीं कुबेराय नमः” का जाप करें। इसके बाद “धन्वंतरि स्तोत्र” का पाठ करें। पूजा के बाद दिवाली के दिन धन स्थान पर कुबेर और पूजा स्थान पर धन्वंतरि की स्थापना करें।
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