Dhanteras 2023 Shubh Muhurat, नई दिल्लीः देशभर में आज धनतेरस का पर्व मनाया जा रहा है। वैसे तो हिन्दू धर्म में सभी त्योहार हर्षोउल्लास के साथ मनाए जाते हैं। लेकिन दिवाली का पर्व सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। धनतेरस (Dhanteras) से ही दिवाली के 5 दिन के पर्व की शुरुआत हो जाती है। त्रयोदशी यानी धनतेरस हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाई जाती है। धनतेरस पर मां लक्ष्मी और कुबेर देवता की पूजा का विधान है, साथ ही यह दिन भगवान धन्वंतरि के जन्मोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है।
धनतेरस- शुभ मुहूर्त
धन्वंतरि को भगवान विष्णु का 12वां अवतार माना जाता है। इस साल धनतेरस का त्योहार 10 नवंबर को मनाया जाएगा। इस दिन श्रद्धापूर्वक भगवान धन्वंतरि की पूजा करने से लंबी आयु और आरोग्य का आशीर्वाद मिलता है। साथ ही धनतेरस पर सोने व चांदी से बनी वस्तुएं व स्टील के बर्तन खरीदना बेहद शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन खरीदारी से साल भर धन में वृद्धि होती है। इसके अलावा झाड़ू खरीदना भी अच्छा माना जाता है। मान्यता है इस दिन झाड़ू खरीदने से मां लक्ष्मी मेहरबान रहती हैं।
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इस बार धनतेरस की त्रयोदशी तिथि आज यान शुक्रवार को दोपहर 12 बजकर 35 मिनट से शुरू हो रही है और इस तिथि का समापन 11 नवंबर यानी कल दोपहर 1 बजकर 57 मिनट पर होगा। धनतेरस का आज पूजन मुहूर्त शाम 5 बजकर 47 मिनट से लेकर शाम 7 बजकर 43 मिनट तक रहेगा। जिसकी अवधि 1 घंटा 56 मिनट रहेगी। जबकि प्रदोष काल- शाम 05 बजकर 30 मिनट से शुरू होकर 08 बजकर 08 मिनट तक रहेगा।
पूजा विधि
धनतेरस के दिन शाम के समय उत्तर दिशा की ओर कुबेर और धन्वंतरि की स्थापना करनी चाहिए। दोनों के सामने एक-एक मुख वाला घी का दीपक जलाना चाहिए। भगवान कुबेर को सफेद मिठाई और धन्वंतरि को पीली मिठाई अर्पित की जाती है। पूजा के दौरान “ओम ह्रीं कुबेराय नमः” का जाप करें। इसके बाद “धन्वंतरि स्तोत्र” का पाठ करें। पूजा के बाद दिवाली के दिन धन स्थान पर कुबेर और पूजा स्थान पर धन्वंतरि की स्थापना करें।
धनतेरस की पौराणिक कथा
पौराणिक कथा के अनुसार कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन भगवान धन्वंतरि की समुद्र मंथन के दौरान की उत्पत्ति हुई थी। भगवान धन्वंतरि हाथ में अमृतलाश लेकर प्रकट हुए थे। चार भुजाओं वाले भगवान धन्वंतरि एक हाथ में आयुर्वेद शास्त्र, दूसरे में औषधि कलश, तीसरे में जड़ी-बूटियां और चौथे हाथ में शंख होता है। धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि का जन्मोउत्सव मनाया जाता है।
भगवान धन्वंतरि को महान चिकित्सक माना जाता है। उनका जन्म लोक कल्याण के उद्देश्य से हुआ था। धनतेरस पर इनकी आराधना से आरोग्य की प्राप्ति होती है। धन्वंतरि की पूजा विशेष फलदायी होती है। इस दिन खरीदी गई चीजें बहुत शुभ होती हैं। माना जाता है कि इस दिन खरीदारी करने से उसमें कई गुना बढ़ोतरी होती है।
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