धनबादः झारखंड के धनबाद में गैंगस्टर प्रिंस खान और अमन सिंह (gangster aman singh) का खौफ इतना बढ़ गया है कि कई कारोबारी अब अपना कारोबार समेटने में लगे हैं। रंगदारी की धमकी भरी कॉल से परेशान होकर कई कारोबारियों ने दुकानों के साइन बोर्ड से फोन और मोबाइल नंबर मिटा दिए हैं। पिछले तीन महीने में इन गिरोहों ने दुकानों और व्यवसायियों को निशाना बनाकर गोलीबारी और बमबाजी की करीब एक दर्जन घटनाओं को अंजाम दिया है।
पुलिस की कार्रवाई पर भी नहीं थम रही वारदातें
हालांकि इस बीच पुलिस इन गिरोहों के खिलाफ छापेमारी भी कर रही है। दो माह के अंदर प्रिंस व अमन (gangster aman singh) गिरोह के डेढ़ दर्जन से अधिक गुर्गों व सहयोगियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। इसके बाद भी घटनाओं में कोई कमी नहीं आई है। वासेपुर का गैंगस्टर प्रिंस खान खाड़ी देश में शरण ले चुका है। लेकिन, उसका गिरोह आए दिन व्यवसायियों को धमकी भरे फोन कर रहा है।
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जेल में बंद अमन के गुर्गे लगातार वसूल रहे रंगदारी
झारखंड पुलिस के अनुरोध और केंद्रीय जांच एजेंसियों की अनुशंसा पर उसके खिलाफ इंटरपोल से रेड और ब्लू कॉर्नर नोटिस भी जारी किया गया है। वहीं, अमन सिंह जेल में बंद हैं, लेकिन उनके गुर्गे भी लगातार रंगदारी वसूल रहे हैं। हाल की घटनाओं में, 12 अगस्त को शहर के प्रमुख व्यावसायिक क्षेत्र, बैंक मोड़ में सलूजा टायर्स नामक प्रतिष्ठान के बाहर गोलियां चलाई गईं। 8 अगस्त को गफ्फार कॉलोनी स्थित जिया साइबर कैफे पर फायरिंग की गई थी।
नहीं थम रही गोलीबारी
10 जुलाई को अप्सरा ड्रेसेज नामक प्रतिष्ठान के मालिक के आवास के बाहर, 29 जून को गोविंदपुर में बिहारी लाल चौधरी के प्रतिष्ठान पर गोलीबारी हुई। 27 जून को वासेपुर के व्यवसायी राशिद महाजन के घर के बाहर गोलीबारी हुई। सात जून को ठाकुर मोटर्स के मालिक संजीवानंद ठाकुर की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। एक जून को रंगदारी के लिए अपराधियों ने तोपचांची के शान-ए-पंजाब और माही होटल में बमबाजी की थी।
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