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‘हुनर किसी की मोहताज नही होती’ को चरितार्थ कर रहे धमतरी के दिनेश पटवा

धमतरीः यह तो आपने सुना ही होगा ‘हुनर किसी की भी मोहताज नही होती’। इस लोक कहावत को धमतरी के युवक ने सच कर दिखाया है। वह अपने नायाब हुनर और कला से आत्मनिर्भर बनकर लोगों को शादी व अन्य कई कार्यक्रमों में नोटों का हार पहनाता है। उसके हुनर ने घर से निकलकर धमतरी समेत प्रदेश के बिलासपुर तक पहचान बना ली है। युवक आर्डर देने पर कई तरह के नोटों के हार बनाता है। जिसे देखकर लोग अंचभित रह जाते हैं।

उनके हार की मांग दिनों दिन शहर व आसपास क्षेत्रों में बढ़ रही है। धमतरी निवासी दिनेश पटवा (42) पुत्र रामलाल पटवा ने एमए तक की पढ़ाई की है। पढ़ाई के बाद जब कोई रोजगार उन्हें नही मिला तो निराश होने के बजाय उन्होंने आत्मनिर्भर बनने की राह चुनीं। उन्होंने शादियों में नोटों के हार बनाने शुरू किये और आज उनके बनाये हुए हारों की डिमांड बहुत ही ज्यादा है। पूरे सीजन में उनके पास 70 से 80 आर्डर आते है। जिससे उनकी अच्छी खासी कमाई हो जाती है। अब दिनेष के हाथों से बने नोटों की हार की डिमांड उनके जिले और राज्य ही नहीं अन्य प्रदेषों के लोग भी उन्हें हार बनाने के लिए आर्डर देते हैं।

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दिनेश पटवा बताते हैं कि वे नोटों से कई डिजाइन तैयार कर लेते हैं। एक हार बनाने की 200 रूपये न्यूनतम मूल्य है। अधिक नोट व डिजाइन पर हार का मूल्य भी बढ़ता जाता है। अब तक सबसे महंगा 13 हजार रुपयों का हार बनाया है, जिसमें 100, 500 व 2000 रुपये के नोट है। वे नोटों से जो डिजाइन बनाते हैं, उसमें नोट खराब नहीं होते। जरूरत पड़ने पर इसका उपयोग भी किया जा सकता है। दिनेश पटवा ने बताया कि नोटों से हार बनाने का गुर उन्होंने अपने पिता रामलाल पटवा से सीखा है। पिता के उम्र 84 है, इसलिए वह अब हार नहीं बना पाते।