Dhamtari: दरक रहा अछोटा पुल, सेतु निगम के अधिकारी ने किया निरीक्षण

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धमतरी: धमतरी (Dhamtari) और सिहावा क्षेत्र को जोड़ने वाले महानदी पर 1981 में बने अछोटा पुल का एक हिस्सा भारी वाहनों की आवाजाही के कारण दरकने लगा है। किसी भी अनहोनी से बचने के लिए राहगीरों ने इस दरार को ईंट-पत्थरों से घेर दिया है। इसकी जानकारी मिलने पर सेतु निगम के अधिकारी अछोटा पुल पर पहुंचे। इसका निरीक्षण किया गया।

धमतरी शहर (Dhamtari) से लगे ग्राम कोलियारी और अछोटा के बीच महानदी पर बने पुल पर प्रतिदिन दो हजार से अधिक छोटे-बड़े वाहनों का आवागमन होता है। भारी दबाव के कारण पुल में जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे हो गये हैं। अछौता छोर पर पुल पर बड़ी दरार आ गई है। जिसमें कभी भी बड़ा हादसा होने की आशंका बनी हुई है। इसकी जानकारी मिलते ही पीडब्ल्यूडी, सेतु निगम और शासन प्रशासन की टीम धमतरी अछोटा पुल का निरीक्षण करने पहुंची।

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किसी बड़े हादसे को रोकने के लिए राहगीरों ने पुल में आई दरार के चारों ओर पत्थरों और ईंटों का घेरा बना दिया है। अब वाहन एक तरफ से गुजर रहे हैं। मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लेने के बाद सेतु निगम के सब इंजीनियर योगेश साहू ने बताया कि बारिश के कारण पुल पर कुछ गैप रह गए हैं। जिसे बरसात के बाद ठीक कराया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने पुल के निचले हिस्से को भी जाकर देखा। उन्होंने पूछा कि जब इसका निर्माण हुआ था तो इसकी डिजाइनिंग क्या थी? इसे भी समझने की जरूरत है। इसकी जानकारी उन्होंने अपने उच्च अधिकारियों को दे दी है।

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नए पुल के लिए भेजा गया प्रस्ताव

महानदी में अछोटा पुल के पास एक और नया पुल बनाने के लिए पीडब्ल्यूडी ब्रिज कॉर्पोरेशन ने शासन को प्रस्ताव भेजा है। नए पुल के निर्माण के लिए प्रस्तावित सर्वे का डीपीआर भेजा गया है। लेकिन अभी विस्तृत सर्वेक्षण होना बाकी है। नए पुल के बजट में पास होने के बाद टेंडर आदि की प्रक्रिया में दो से तीन साल लग सकते हैं। बता दें कि यह छोटा पुल इलाके का सबसे बड़ा पुल है।

21 पिलर पर टिका है नगरी मार्ग का पुल

वर्ष 1972-73 में तत्कालीन विधायक केसरीमल लूंकड़ के प्रयासों से तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाशचंद सेठी ने अछोटा कोलियरी के बीच पुल निर्माण के लिए 2 करोड़ 70 लाख रुपये स्वीकृत किये थे। मंजूरी के बाद 682 मीटर लंबा यह पुल 21 खंभों पर टिका है। पुल 1981 में बनकर तैयार हुआ और यातायात आसान हो गया।

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