दिल्ली में तबाहीः यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर, डूबे कई इलाके

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नई दिल्लीः दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर बुधवार को 208 मीटर को पार कर गया, जो खतरे के निशान से तीन मीटर ऊपर है, जिससे रिंग रोड का एक हिस्सा डूब गया। पुराने रेलवे पुल पर जलस्तर 208.05 मीटर रिकार्ड किया गया।

केंद्रीय जल आयोग ने बुधवार रात तक नदी के जल स्तर में उल्लेखनीय वृद्धि की भविष्यवाणी की थी, लेकिन यह अनुमान से बहुत पहले ही उस स्तर को पार कर गया। इसमें सुझाव दिया गया था कि 13 जुलाई की सुबह तक जल स्तर 207.90 मीटर तक बढ़ जाएगा, लेकिन स्तर पहले ही 208 मीटर को पार कर चुका है।

मठ फ्लाईओवर के जरिए चंदगी राम अखाड़े को शाहदरा से जोड़ने वाले फ्लाईओवर पर यमुना का पानी भर गया है और प्रशासन पानी को रिंग रोड तक पहुंचने से रोकने के लिए रेत की बोरियों का इस्तेमाल कर रहा था, लेकिन अब रिंग रोड पर अखाड़े के पास भी यमुना का पानी देखा जा सकता है।

दिल्ली सरकार ने कहा है कि उसने अपने राहत शिविरों में 2,700 टेंट लगाए हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना, दोनों ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों से सुरक्षित स्थानों या राहत शिविरों में जाने का आग्रह किया है।

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एनडीआरएफ की दो टीमें रवाना

नई दिल्ली समेत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बारिश के बाद बाढ़ राहत और बचाव के लिए एनडीआरएफ वाराणसी की दो टीमें बुधवार को रवाना की गईं। 11 एनडीआरएफ के उप महानिरीक्षक मनोज कुमार शर्मा ने बताया कि वाराणसी से दो टीमों को सभी प्रकार के अत्याधुनिक बचाव उपकरणों के साथ देर शाम गाजियाबाद भेजा गया है। एनडीआरएफ वाराणसी की दोनों टीमें गाजियाबाद पहुंचेंगी और आवश्यकता के अनुसार दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बाढ़ राहत कार्यों में भाग लेंगी। उन्होंने बताया कि 11 एनडीआरएफ वाराणसी की टीम मानव सेवा के लिए सदैव तत्पर है तथा किसी भी प्रकार की आपदा के दौरान राहत एवं बचाव कार्य करने में सक्षम है।

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