Mirzapur: असंख्य दीपों से जगमगाया गंगा तट, भाव-विभोर हुए लोग

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Dev Diwali in Mirzapur : देव-विजय पर्व देव दीपावली की शाम विंध्य क्षेत्र में गंगा तट पर अविस्मरणीय व अलौकिक दृश्य साकार हुआ। सोमवार की शाम जैसे ही घाटों पर दीपों की माला जगमगा उठी तो अचानक ऐसा लगा मानों भगवान शिव के सिर से अवतरित देव-सरिता के गले का बहुमूल्य चंद्रहार चमक रहा हो। जिसने भी इस अलौकिक सौंदर्य को देखा वह आनंद से भर गया। जिस भी व्यक्ति ने यह देखा उसने स्वयं को धन्य माना।

जगमगाहट ऐसी है मानो परंपरा के तेल-बाती में संरक्षित दीयों के रूप में सितारे धरती पर उतर आए हों। दीपों की कतार को देखकर ऐसा लग रहा था मानों अनगिनत टिमटिमाते दीपों की माला गंगा के गले पर सज गया हो। जिसने भी गंगा के इस शृंगार को देखा बस देखता ही रह गया। कार्तिक पूर्णिमा के धुंधलके में भागीरथी दीयों और बिजली की रोशनी में गंगा तट पर तैरने लगी। दीपों की जगमगाहट और फूलों की शोभा देखकर लग रहा था मानो गंगा की लहरों पर आसमान से रंग-बिरंगा इंद्रधनुष उतर आया हो। ऐसा लग रहा था जैसे स्वर्गलोक से देवतागण इस दृश्य को देखने के लिए उत्सुक हों।

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भगवान विष्णु को समर्पित माह कार्तिक पूर्णिमा और देव दीपावली के अवसर पर कचहरी घाट, बरियाघाट, बाबा घाट, गंगाराम घाट, पक्का घाट, नारघाट और विंध्याचल घाट की सीढ़ियां दीपों की रोशनी से जगमगा उठीं। गंगा पूजन के बाद निर्मल गंगा की लहरों के बीच दीपक तैर रहे थे और अलौकिक आभा दे रहे थे। हजारों लोगों ने यह अद्भुत नजारा देखा। देव दिवाली का अद्भुत नजारा देखने के लिए घाट पर सैकड़ों की संख्या में लोग जुटे।

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