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डिप्टी सीएम शर्मा बोले- विकास के मार्ग में आईईडी बहुत बड़ा बाधक

रायपुरः बीजापुर में आईईडी (IED) ब्लास्ट में घायल हुए गुड्डु मेकम (18 वर्ष) नाम के युवक का एक पैर बुरी तरह जख्मी हो गया था और इसी हालत में नक्सलियों ने उसे 11 मार्च से बंधक बना रखा था। उनका इलाज जगदलपुर में चल रहा था। इसकी जानकारी होते ही राज्य के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने तुरंत घायल को रायपुर बुलाया और निजी अस्पताल में अच्छे इलाज की व्यवस्था की।

खूनी घटनाओं से किसी का फायदा नहीं

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा घायल युवक गुड्डु से मिलने राजधानी के निजी अस्पताल पहुंचे और युवक की हालत देखकर भावुक हो गये। उन्होंने घायल के परिजनों से कहा कि गुड्डु मेरा भाई है, आप सभी मेरा परिवार हैं, मैं हमेशा आपके साथ खड़ा हूं। गृह मंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह युवक को बेहतर इलाज मुहैया कराएंगे। शर्मा ने अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों से मरीज के इलाज की प्रगति की जानकारी ली और सावधानी से इलाज करने के निर्देश दिये। शर्मा ने नक्सलियों की इस हरकत पर अफसोस जताते हुए कहा कि आईईडी से यह पता नहीं चलता कि इस पर कौन पैर रख रहा है। बड़ी संख्या में बस्तर के आदिवासी भाई और मवेशी इसके शिकार बन रहे हैं। शर्मा ने कहा कि बस्तर का विकास नहीं हो रहा है, इसका कारण बस्तर की सड़कों पर लगे आईईडी भी हैं। जो आईईडी लगाया गया है वह किसी को नहीं पहचानता। पशुओं और ग्रामीणों दोनों को चोट लग रही है। ऐसी खूनी घटनाओं से किसी का भला होने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अपने पिछले 15 वर्षों के कार्यकाल में बस्तर का सर्वांगीण विकास किया है। पक्की सड़कें बनाई गईं, बच्चों की शिक्षा के लिए हर गांव में स्कूल खोले गए, इलाज के लिए जगह-जगह अस्पताल बनाए गए, सुदूर पहाड़ी और सड़क विहीन इलाकों में इलाज की सुविधा के लिए मोटरसाइकिल के जरिए इलाज की सुविधाएं मुहैया कराई गईं। बस्तर को स्वच्छ पेयजल से लेकर आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। इसका परिणाम यह हुआ कि आज सुदूर बीजापुर में भी वाई-फाई जोन उपलब्ध है। दंतेवाड़ा की पहचान एजुकेशन हब के रूप में है। नक्सली घटनाओं में अनाथ हुए बच्चे प्रयास छात्रावास में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं और सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में चयनित हो रहे हैं। इन बच्चों ने आईआईटी, जेईई, एनईईटी परीक्षाओं में परचम लहराया है और पीएससी और यूपीएससी में भी यहां के बच्चे चयनित हो रहे हैं। गृह मंत्री शर्मा ने कहा कि उनकी सरकार छत्तीसगढ़ राज्य के साथ-साथ बस्तर के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव सरकार ने नक्सल प्रभावित इलाकों में नियाद नेल्लानार योजना शुरू की है। नियाद नेल्लानार का मतलब है आपका अच्छा गांव। इस योजना के तहत बस्तर क्षेत्र में सुरक्षा शिविर अब विकास शिविर के रूप में कार्य कर रहे हैं। कैंप के पांच किलोमीटर के दायरे के गांवों को विकास से जोड़ा जा रहा है। सुरक्षा शिविरों के माध्यम से ग्रामीणों को सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही है तथा सरकार की सभी लाभकारी योजनाएं उन तक पहुंचायी जा रही है। राशन की दुकानें, मुफ्त आवास, बस सेवा और चिकित्सा शिविर लगाकर ग्रामीणों को इलाज मुहैया कराने का काम शुरू हो चुका है। यह भी पढ़ेंः-सीएम साय बोले- छत्तीसगढ़ के बेटे-बेटियों के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले जाएंगे जेल

विनाश छोड़कर विकास के लिए आगे आना चाहिए

उप मुख्यमंत्री/गृह मंत्री शर्मा ने कहा कि नक्सली यह न भूलें कि यह विनाश का रास्ता है। इस रास्ते से नक्सलियों को कुछ हासिल नहीं होने वाला है। शर्मा ने नक्सलियों से अपील की कि अगर वे विनाश का रास्ता छोड़कर विकास की राह पर आगे बढ़ें तो सरकार भी उनका साथ देगी। विकास के लिए नक्सली अपनी भूमिका तय करें। यह भूमिका हिंसा का मार्ग छोड़कर ही संभव है। शर्मा ने कहा कि हमने नक्सलियों के लिए आत्मसमर्पण नीति बनाई है, कई आत्मसमर्पण भी हुए हैं। सरेंडर की प्रक्रिया काफी तेजी से आगे बढ़ी है। राज्य की भाजपा सरकार ने नक्सली क्षेत्र में नियाद नेल्लानार योजना शुरू की है, जिसके परिणाम बहुत जल्द बस्तर में दिखाई देंगे। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर(X) पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)