लखनऊ: अंतरराष्ट्रीय बाल दिवस पर एक निजी होटल में बच्चों के अधिकार से जुड़े मुद्दे पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। समागम समिट 2023 के नाम से आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Deputy CM Brajesh Pathak) ने किया। इस अवसर पर बोलते हुए ब्रजेश पाठक ने कहा कि सरकार बच्चों के हितों के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। यदि सरकार को बच्चों के हित में निष्कर्षों को लागू करने के लिए अपनी नीतियों में बदलाव करना पड़ा तो वह भी किया जाएगा। उन्हें समागम शिखर सम्मेलन के नतीजों की जानकारी दी जानी चाहिए।
उठाए जा रहे महत्वपूर्ण कदम
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार बच्चों और बच्चों के लिए काम करने वाले स्वयंसेवी संगठनों के साथ बैठने के लिए हमेशा तैयार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कई जनकल्याणकारी कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। यह उनकी प्रेरणा से चलाये गये कार्यक्रमों का ही असर है कि प्रदेश में मातृ शिशु मृत्यु दर को अपेक्षाकृत कम करने में सफलता मिली है। जनस्वास्थ्य की दिशा में और भी कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं, जिसमें यह सभा मार्गदर्शन की भूमिका निभाएगी। उपमुख्यमंत्री ने स्वयंसेवी संगठनों की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि उनके साथ बैठकर उनके सुझावों पर विचार किया जायेगा।
बेहतर भविष्य के लिए बेहतर व्यवस्था
ब्रजेश पाठक ने आयुष्मान भारत योजना समेत केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का जिक्र किया और कहा कि भारत आज दुनिया का नेतृत्व कर रहा है। कोविड वैक्सीन हमारे ही देश में तैयार हुई और इसका लाभ पूरी दुनिया को मिला है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय बाल दिवस की बधाई देते हुए कहा कि भारत की संस्कृति बच्चों को सभी सुख-सुविधाएं उपलब्ध कराना है। बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए बेहतर व्यवस्था पर जोर दिया जाएगा।
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प्रदेश सरकार में महिला एवं बाल विकास विभाग की राज्य मंत्री प्रतिभा शुक्ला ने कहा कि प्रदेश सरकार ने आंगनबाडी केन्द्रों का चेहरा बदल दिया है। जिसमें स्वयंसेवी संस्था को शिक्षा के साथ-साथ मूल्यों पर भी जोर देने की जरूरत है।
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