लखनऊः डेंगू के मरीजों की बढ़ती संख्या को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट है। विभाग ने डेंगू से लड़ने के लिए अस्पतालों में व्यापक इंतजाम किये हैं। डेंगू को लेकर विभाग किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतना चाहता है। इसके लिए जिला मुख्यालय पर नियंत्रण कक्ष के साथ-साथ सभी प्रखंडों में नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गयी है।
बलिया में अब तक 120 गांव डेंगू से प्रभावित हैं। ये मरीज सभी 17 ब्लॉकों में हैं। शहर के 27 वार्डों में भी डेंगू के मरीज हैं। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक अभी तक डेंगू से किसी की मौत नहीं हुई है। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. विजय पति द्विवेदी ने बताया कि संक्रामक रोगों के समुचित नियंत्रण, उपचार एवं जनसामान्य की सुविधा के लिए जिला एवं ब्लाक स्तर पर कंट्रोल रूम 24 घंटे कार्य करेंगे। वहीं, वेक्टर बॉर्न के नोडल अधिकारी डॉ. अभिषेक मिश्रा ने कहा कि मरीजों को उचित जांच और इलाज मिले, इसके लिए विभाग हर संभव प्रयास कर रहा है।
बुखार होने पर बिल्कुल भी न घबराएं, जांच कराएं और सही समय पर उचित इलाज लें। जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार यादव ने बताया कि डेंगू के लक्षणों में त्वचा पर चकत्ते, गंभीर सिरदर्द, पीठ दर्द, आंखों में दर्द, तेज बुखार, मसूड़ों से खून आना, नाक से खून आना, जोड़ों में दर्द, उल्टी और दस्त आदि शामिल हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की जिला स्तरीय एवं ब्लॉक स्तरीय रैपिड रिस्पांस टीम द्वारा जन जागरूकता, स्वास्थ्य शिक्षा, स्रोत में कमी, बुखार से पीड़ित मरीजों के रक्त नमूनों की जांच, नालियों में ब्लीचिंग पाउडर एवं लार्विसाइड का छिड़काव के साथ-साथ निरोधात्मक कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि डेंगू का पता लगाने के लिए एलाइजा टेस्ट बहुत जरूरी है, जिससे डेंगू की पहचान हो जाती है। सदर अस्पताल बलिया के सेंटिनल लैब में एलाइजा टेस्ट निःशुल्क उपलब्ध है। यह जांच कोई भी व्यक्ति निःशुल्क करा सकता है।