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जम्मू-कश्मीर में इस भाषा को अधिकारिक भाषा में शामिल करने की मांग तेज

 

कठुआ: जम्मू कश्मीर में पंजाबी भाषा को अधिकारिक भाषा में शामिल करने की मांग को लेकर सिख समुदाय का संघर्ष जारी है। इसी के चलते कठुआ शहर के मुख्य चैक स्थित गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा के समक्ष हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। जिसमें विभिन्न संगठनों के लोगों ने भाग लेकर सरकार से उनकी जायज मांग को पूरा करने की अपील की।

शुक्रवार को कठुआ शहर के मुखर्जी चैक स्थित गुरूद्वारा में मनिंद्र पाल सिंह सौरव, राज्य कार्यकारिणी सदस्य शिरोमणि अकाली दल और जिला चेयरमैन युवा शिरोमणि अकाली दल कठुआ की अध्यक्षता में सिख युवाओं ने पंजाबी भाषा को शामिल करने के लिए केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और हस्ताक्षर अभियान भी शुरू किया। पहले युवाओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया और बाद में पंजाबी भाषा को शामिल करने के लिए हस्ताक्षर अभियान चलाया। इस अभियान में सैकड़ों लोगों ने भाग लिया।

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मनिंद्र पाल सिंह ने कहा कि ‘जम्मू कश्मीर में आधिकारिक भाषाओं की सूची में पंजाबी को शामिल कराने के लिए हमने समर्थन जुटाने और सरकार पर दबाव बनाने के लिए यह अभियान शुरू किया है। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि समाज के सभी वर्गों से समर्थन के बावजूद केंद्र ने उनकी मांग को स्वीकार नहीं किया है। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र है और किसी भी प्रकार के भेदभाव के खिलाफ अपनी आवाज उठाना हमारा अधिकार है।

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गौरतलब है कि केंद्रीय कैबिनेट द्वारा जम्मू कश्मीर राजभाषा विधेयक को मंजूरी के बाद जम्मू कश्मीर में अब सिर्फ पांच भाषा- कश्मीरी, डोगरी, हिंदी, उर्दू और अंग्रेजी आधिकारिक भाषाएं के तौर पर शामिल किया गया था, जबकि पंजाबी भाषा जम्मू कश्मीर की आधिकारिक भाषा की सूची से बाहर रखा गया था, जिसपर सिख समुदाय का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। इस अभियान में ऑल पार्टी टोल प्लाजा एक्शन कमेटी के सदस्य रॉबिन शर्मा, आईडी खजुरिया, रविंद्र सलाथिया, पवन शर्मा, पंकज डोगरा भी शिरोमणि अकाली दल के समर्थन में आए हैं।