जम्मू-कश्मीर में 5 मार्च तक पूरी हो जाएगी परिसीमन प्रक्रिया, नहीं बढ़ेगी डेडलाइन !

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श्रीनगर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाल ही में जम्मू-कश्मीर को लेकर हुई सर्वदलीय बैठक के बाद से परिसीमन प्रक्रिया तेज हो गई है। सूत्रों से मिली खबरों के मुताबिक परिसीमन अपनी तय समय सीमा से पहले, यानी 5 मार्च, 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा। परिसीमन चार आधार पर होगा। लेकिन अभी इस बारे में विस्तृत जानकारी आना बाकी है। बता दें कि 5 अगस्त, 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटा दी थी।

जम्मू-कश्मीर के दौरे पर रहेगा परिसीमन आयोग

परिसीमन आयोग 6 से 9 जुलाई तक जम्मू-कश्मीर के दौरे पर रहेगा। 24 जून की बैठक में पीएम मोदी ने साफ कहा था कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया और क्षेत्र में विधानसभा चुनाव कराने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। परिसीमन आयोग 8 जुलाई को जम्मू के राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधमंडल से मिलेगा। जहां पर आयोग उनके सुझाव और आपत्तियां जानेगा। इस बैठक में राज्य की सभी प्रमुख पार्टियों कांग्रेस, भाजपा, एनसी, पीडीपी, अपनी पार्टी, सीपीआई, पैंथर्स पार्टी आदि को बुलावा भेजा गया है।

केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस संबंध में कहा कि परिसीमन की प्रक्रिया का उद्देश्य हर वर्ग को विधानसभा क्षेत्र में उचित प्रतिनिधित्व दिलाना है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर अन्य राज्यों से अलग है, क्योंकि यहां की विधानसभा सीटों की विसंगतियों को सालों से ठीक नहीं किया गया है।

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साल 1995 में हुआ था आखिरी बार परिसीमन

जम्मू-कश्मीर में आखिरी बार परिसीमन 1995 में हुआ था। 5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के पास होने के बाद जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया गया है। लद्दाख के अलग होने से जम्मू-कश्मीर में सिर्फ 107 विधानसभा सीटें रह गई हैं। इनमें 24 पाक अधिकृत कश्मीर में आती हैं। जबकि 46 कश्मीर और 37 जम्मू में आती हैं।