Monday, March 17, 2025
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Delhi Ordinance: हंगामें के बीच लोकसभा में पेश हुआ दिल्ली सेवा बिल, विपक्षी ने किया विरोध

Delhi Service Bill

Delhi Services Bill in Lok Sabha- नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने लोकसभा में मंगलवार को दिल्ली सरकार के अधिकारों और सेवा से जुड़ा विधेयक- ‘राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 ‘ लोकसभा में पेश किया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में यह विधेयक पेश किया। कांग्रेस, द्रमुक और टीएमसी समेत कई विपक्षी दलों ने विधेयक को सदन में पेश किये जाने का विरोध करते हुए इसे संघवाद और संविधान की भावना के खिलाफ बताया।

वहीं, बिल पेश करने के दौरान चर्चा में शामिल होते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्षी दलों की दलीलों को खारिज कर दिया और कहा कि संविधान ने सदन को दिल्ली राज्य और सुप्रीम कोर्ट के संबंध में कोई भी कानून पारित करने की शक्ति दी है। कोर्ट के फैसले ने यह भी स्पष्ट कर दिया है। लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, आरएसपी सांसद एनके प्रेमचंद्रन, टीएमसी सांसद सौगत रॉय, कांग्रेस सांसद शशि थरूर और गौरव गोगोई, डीएमके सांसद टीआर बालू और AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सदन में बिल पेश करने का जमकर विरोध किया। उनका कहना है कि यह बिल संघवाद के खिलाफ है। सेवा राज्य का विषय है, इसलिए यह बिल संविधान के खिलाफ है।

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शाह बोले- बिल का विरोध करने का कोई संवैधानिक आधार नहीं

विपक्षी दलों ने सदन में आरोप लगाया कि उच्चतम न्यायालय के फैसले को निष्प्रभावी बनाने के लिए सर्वोच्च अदालत की अनदेखी करते हुए यह बिल लाया जा रहा है। वहीं, बीजू जनता दल सांसद पिनाकी मिश्रा ने कहा कि इस सदन को दिल्ली के बारे में कानून बनाने (Delhi Service Bill ) का पूर्ण अधिकार है। विपक्षी नेताओं के बाद बोलने खड़े हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि राजनीतिक कारणों से बिल का विरोध किया जा रहा है। इस बिल का विरोध करने का कोई संवैधानिक आधार नहीं है।

अमित शाह ने यह भी कहा कि भारत के संविधान ने सदन को दिल्ली राज्य के संबंध में कोई भी कानून पारित करने की शक्ति दी है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि संसद इस संबंध में कोई भी कानून ला सकती है। उन्होंने सदन से अनुरोध किया कि उन्हें विधेयक लाने की अनुमति दी जाये। लोकसभा में संख्या बल के गणित के आधार पर इस बिल का पारित होना तय माना जा रहा है।

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