नई दिल्लीः दिल्ली पुलिस ने सोमवार को यहां द्वारका स्थित एक अदालत को अवगत कराया कि वह भाजपा नेता तजिंदर पाल सिंह बग्गा के राष्ट्रीय राजधानी लौटने पर उनका बयान दर्ज करने के लिए एक आवेदन पेश करेगी। बग्गा के वकील ने मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट नीतिका कपूर के समक्ष बग्गा के घर पर सुरक्षा की मांग करते हुए उस घटना का हवाला दिया, जिसमें बग्गा और उनके पिता के दो मोबाइल फोन अज्ञात लोगों द्वारा जबरदस्ती जब्त कर लिए गए थे। उन्होंने कहा कि वे फोन वापस पाने के लिए एक आवेदन देंगे, जिस पर अदालत ने उन्हें उचित आवेदन दाखिल करने के लिए कहा।
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कोर्ट ने गिरफ्तार पर लगाई थी रोक
दरअसल रविवार को मध्यरात्रि के एक घटनाक्रम में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने बग्गा की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी और पंजाब सरकार को निर्देश दिया कि वह अगली सुनवाई जो 10 मई को होने वाली है, तब तक उनके खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई न करे। भाजपा नेता ने शनिवार को मोहाली की एक अदालत द्वारा उनके खिलाफ जारी गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया था।
इससे पहले, उच्च न्यायालय ने शनिवार को बग्गा के मामले में सुनवाई 10 मई तक के लिए स्थगित कर दी, जिसमें तीन राज्यों की पुलिस शामिल थी। पंजाब सरकार ने अपनी बंदी याचिका में दो आवेदन दायर किए – एक केंद्र को मामले में पक्षकार बनाने के लिए और दूसरा दिल्ली और हरियाणा पुलिस को सीसीटीवी कैमरों को संरक्षित करने के लिए निर्देश देने के लिए।
केंद्रीय गृह मंत्रालय को रिपोर्ट करने वाली दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को बग्गा को हिरासत में ले लिया और बाद में कानूनी प्रक्रिया के बाद उन्हें छोड़ दिया। इसने बग्गा की गिरफ्तारी के संबंध में पंजाब पुलिस के खिलाफ दो मामले भी दर्ज किए हैं। भाजपा नेता के पिता की शिकायत पर दिल्ली पुलिस द्वारा अपहरण का मामला दर्ज करने के बाद पंजाब पुलिस बग्गा को दिल्ली से मोहाली ले जा रही थी, जिसे हरियाणा पुलिस ने बीच में ही रोक दिया।
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