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गोगी गैंग के 2 खूंखार अपराधी पुलिस के हत्थे चढ़े, 12 पिस्टल सहित भारी मात्रा में कारतूस बरामद

delhi-police -arrested-2-criminals नई दिल्लीः तिहाड़ जेल में हुई गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या के बाद दिल्ली पुलिस ने कुख्यात जितेंद्र गोगी गैंग के सदस्यों की धर पकड़ तेज कर दी है। इस बीच दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को गोगी गैंग के दो अपराधियों को गिरफ्तार किया है। जो अपने एक साथी को भगाने का प्लान बना रह थे। पुलिस का मानना है कि हरियाणा के सोनीपत के रहने वाले और नवीन उर्फ शनिचर (38) और अभिषेक उर्फ मित्ता (24) अपने साथी करमबीर की दिल्ली या हरियाणा में कोर्ट में पेशी के दौरान उसे भागने की प्लान बना रहे थे। दिल्ली पुलिस ने इन दोनों अपराधियों के पास से 32 बोर की 10 पिस्टल, 2 सिंगल शॉट पिस्टल और 30 जिंदा कारतूस बरामद किया। पुलिस ने बताया कि अभिषेक पिछले साल दिल्ली के बीएसए अस्पताल से करमबीर को भगाने की कोशिश में भी शामिल था। विशेष पुलिस आयुक्त (विशेष प्रकोष्ठ), एच.जी.एस. धालीवाल ने कहा कि अप्रैल में जानकारी मिली थी कि गोगी गिरोह के सदस्य मध्य प्रदेश और बिहार से अवैध हथियार खरीदकर दिल्ली, हरियाणा और अन्य राज्यों में आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं।विशेष पुलिस आयुक्त ने बताया कि 27 अप्रैल को विशेष इनपुट मिला था कि गोगी गैंग के दो सदस्य को दिल्ली के तिमारपुर स्थित गांधी विहार ले जाया जाएगा। जिसके बाद जाल बिछाया गया। हाथापाई के बाद अभिषेक और नवीन दोनों को पकड़ लिया गया। इनके पास से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया है। ये भी पढ़ें..WTC Final: भारतीय टीम की बढ़ी टेंशन, विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल से यह दिग्गज हुआ बाहर दोनों ने पूछताछ के दौरान खुलासा करते हुए बताया कि अपने गिरोह के वर्चस्व को बनाए रखने के लिए बिहार और मध्य प्रदेश से अपने गिरोह के लिए अवैध हथियार खरीद रहे थे। जिससे दिल्ली-हरियाणा सहित अन्य राज्यों में जबरन वसूली और सुपारी सहित आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने दे सके। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि वे एक साल से ज्यादा समय से एमपी के बुरहानपुर और बिहार के मुंगेर से अवैध हथियार खरीदते थे। पुलिस ने बताया कि 2022 में अभिषेक और उसके साथियों मंजीत, शिवम और अन्य ने दिल्ली के बीएसए हॉस्पिटल में पुलिस की हिरासत से गैंगस्टर करमबीर के भागने की प्लान बनाया था । समूह ने खुद को हथियारों और मिर्च पाउडर से लैस किया और योजना के अनुसार अस्पताल पहुंचे। स्पेशल सीपी ने कहा, उस दिन करमबीर को पुलिस तिहाड़ जेल से सीटी स्कैन/एक्स-रे के लिए एक वैन में ले गई थी। दरअसल मशीन में तकनीकी खराबी के कारण परीक्षण नहीं हो सका और गिरोह की योजना को विफल करते हुए एस्कॉर्ट टीम आरोपी करमबीर को पुलिस वैन से बाहर नहीं निकाला जा सका। अभिषेक ने इस साल जेल में करमबीर से मुलाकात की और एक बार फिर अस्पतालों या अदालतों के दौरे के दौरान उसे पुलिस हिरासत से छुड़ाने की साजिश रची। हालांकि, अपराध करने से पहले ही अभिषेक को गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि, कार में तकनीकी खराबी के कारण परीक्षण संभव नहीं हो सका और एस्कॉर्ट टीम गिरोह की योजना को विफल करते हुए आरोपी करमबीर को पुलिस वैन से निकालने में विफल रही। अभिषेक ने इस साल जेल में करमबीर से मुलाकात की और एक बार फिर उसे अस्पताल या अदालत के दौरे के दौरान पुलिस हिरासत से रिहा करने की साजिश रची गई। लेकिन क्राइम करने से पहले ही पुलिस को अभिषेक को धर दबोचा । (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)