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दिल्ली सरकार के याचिका पर एलजी को नोटिस, जानें क्या है मामला

supreme-court Delhi News: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार की उस याचिका पर उपराज्यपाल कार्यालय को नोटिस जारी किया, जिसमें उसकी 'फ़रिश्ते दिल्ली के' योजना के लिए धन जारी करने का निर्देश देने की मांग की गई है। इस योजना के तहत राष्ट्रीय राजधानी में सड़कों पर दुर्घटनाग्रस्त होने वाले लोगों को मुफ्त और त्वरित उपचार प्रदान किया जाता है। क्या बोले वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु न्यायमूर्ति बी.आर. जस्टिस गवई और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ सरकार के एक विंग द्वारा दूसरे के खिलाफ दायर रिट याचिका की जांच करने के लिए सहमत हुई और एलजी, स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग के सचिव, स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय और अन्य से जवाब मांगा। आप के नेतृत्व वाली सरकार की तरफ  से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि यह मुद्दा बिना किसी राजनीतिक हित के सामाजिक कल्याण से संबंधित है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत कई हजार दुर्घटना पीड़ितों को लाभ मिला है। अदालत ने कहा कि वह जनवरी में शीतकालीन छुट्टियों के तुरंत बाद इस मामले पर गौर करेगी। यह भी पढ़ें-BSF को मिली बड़ी सफलता, तस्करी के 296 स्टार कछुओं के साथ बांग्लादेश शख्स गिरफ्तार स्वास्थ्य मंत्री ने सीएम को पत्र लिख कही ये बात इस योजना के तहत, पीड़ितों को दिल्ली भर में किसी भी पंजीकृत सार्वजनिक अथवा  निजी नर्सिंग होम या अस्पताल में कैशलेस इलाज मिलता है। पीड़ितों को लाने वालों को दिल्ली सरकार की ओर से 2,000 रुपये की प्रशंसा राशि भी मिलती है। इससे पहले, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में आरोप लगाया था कि दो अधिकारी - डॉ. एस.बी. दीपक कुमार (स्वास्थ्य सचिव) और डॉ. नूतन मुंडेजा (महानिदेशक) - ने निजी अस्पतालों को भुगतान में देरी करने या रोकने की साजिश रची है। नतीजतन, अस्पताल 'फरिश्ते दिल्ली के' योजना के तहत मरीजों का इलाज नहीं कर रहे हैं। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)