Delhi-NCR के प्रदूषण पर SC करेगा मॉनिटरिंग, अगली सुनवाई 27 फरवरी को

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Delhi-NCR pollution: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह इस मामले पर नजर रखेगा ताकि अगले साल दोबारा वैसी स्थिति न पैदा हो। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब को स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई 27 फरवरी को होगी।

53 फीसदी बढ़ा जुर्माना

कोर्ट ने यह भी कहा कि खेतों में आग जलाना पूरी तरह से बंद किया जाना चाहिए। पंजाब सरकार ने इस मामले पर अपना हलफनामा दाखिल कर कहा है कि पराली जलाने पर लोगों पर लगने वाले जुर्माने की वसूली 53 फीसदी बढ़ गई है और 2023 में खेतों में आग लगने की घटनाओं में कमी आई है। हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसने इसे मंजूरी दे दी है। इससे क्षेत्र में प्रदूषण कम होगा। हालांकि, इस प्रोजेक्ट को केंद्र की मंजूरी का इंतजार है। इस पर केंद्र की ओर से अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने कहा कि जल्द से जल्द मंजूरी दे दी जाएगी।

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पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कही थी ये बात

गौरतलब है कि 7 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि प्रदूषण का तत्काल समाधान होना चाहिए, इस मामले में हमारा जीरो टॉलरेंस है। कोर्ट ने कहा कि पराली जलाने की घटना के लिए स्थानीय SHO जिम्मेदार होंगे। प्रदूषण पर राजनीतिक लड़ाई नहीं होनी चाहिए। प्रदूषण का मुख्य कारण पराली जलाना है, दूसरा वाहनों से होने वाला प्रदूषण है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा था कि उसने वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए क्या कदम उठाए हैं।

कोर्ट ने दिल्ली में बंद किए जा रहे स्मॉग टावरों पर कड़ी नाराजगी जताते हुए दिल्ली सरकार से पूछा था कि स्मॉग टावर कब चालू होंगे। कोर्ट ने कहा कि स्मॉग टावर को तुरंत शुरू किया जाए, हमें नहीं पता कि सरकार स्मॉग टावर को कैसे शुरू करेगी।

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