73,000 करोड़ के घाटे में दिल्ली जल बोर्ड, भाजपा ने सरकार से मांगा जवाब

0
242
delhi-jal-board-in-loss-of-rs

नई दिल्लीः दिल्ली के कई इलाकों में छाए जल संकट के बीच प्रदेश भाजपा ने आरोप लगाया कि कभी 600 करोड़ का मुनाफा देने वाला दिल्ली जल बोर्ड आज 73,000 करोड़ के घाटे में कैसे चला गया। इसका जवाब दिल्ली सरकार को देना होगा। दिल्ली में जल वितरण नेटवर्क बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

संकट को बताया दिल्ली सरकार की नाकामी

बुनियादी ढांचा, पाइपलाइन, जल भंडारण प्रणाली सब चरमरा रही है, जीर्ण-शीर्ण हालत में है, जिससे करीब 52 फीसदी पानी बर्बाद हो रहा है। पाइपों की मरम्मत होनी चाहिए लेकिन मुफ्त पानी देने का वादा कर इस सरकार ने जनता के साथ जो छल किया है, वह दुखद है। गुरुवार को यहां प्रेस वार्ता में भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा कि दिल्ली में जल संकट नहीं है। दरअसल, एक तरफ दिल्ली में जल वितरण के लिए ग्रीष्मकालीन कार्ययोजना का अभाव है तो दूसरी तरफ सरकार पानी की लीकेज से हो रही बर्बादी को रोकने में नाकाम रही है।

पूरी तरह बेनकाब हुई दिल्ली सरकार

बांसुरी स्वराज ने कहा कि भाजपा लगातार कहती रही है कि दिल्ली को समझौते के मुताबिक सभी स्रोतों से पूरा पानी मिल रहा है। अगर किसी कारण से सरकार को दिल्ली के लिए अतिरिक्त पानी की जरूरत पड़ती है तो उसे या तो पड़ोसी राज्यों से आपसी बातचीत के जरिए पानी लेना होगा या फिर यमुना नदी बोर्ड से मांगना होगा। बांसुरी स्वराज ने कहा कि दिल्ली में पानी की चोरी और बर्बादी रोकने में नाकाम रही केजरीवाल सरकार ने अपनी गलतियों का ठीकरा पड़ोसी राज्यों पर फोड़ने की कोशिश की और मामले को सुप्रीम कोर्ट में भी ले गई। एक तरफ दिल्ली की जल मंत्री आतिशी कहती रहीं कि हिमाचल प्रदेश हमें अतिरिक्त पानी देना चाहता है और दूसरी तरफ हरियाणा पर पूरा पानी न देने का आरोप लगाती रहीं।

यह भी पढ़ेंः-Kuwait fire: भारत के 42 नागरिकों की मौत, मदद के लिए कीर्तिवर्धन पहुंचे कुवैत

सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा कि आज केजरीवाल सरकार और उनकी मंत्री आतिशी पूरी तरह से बेनकाब हो गईं, जब हिमाचल प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि हमारे पास कोई अतिरिक्त पानी नहीं है। हरियाणा ने भी कोर्ट को संतुष्ट किया कि वह दिल्ली को पूरा पानी दे रहा है। हिमाचल प्रदेश और हरियाणा राज्यों की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल सरकार को फटकार लगाई कि वह 2019 से हर साल गर्मियों में सुप्रीम कोर्ट क्यों आती है। पानी आवंटन की समस्या का समाधान पड़ोसी राज्यों से बातचीत करके या यमुना जल बोर्ड से बातचीत करके ही निकाला जा सकता है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह कहना कि अगर दिल्ली सरकार टैंकर चोरी नहीं रोक सकती तो हमें इसे दिल्ली पुलिस को सौंप देना चाहिए, केजरीवाल सरकार पर करारा तमाचा है।

कोर्ट ने दिल्ली सरकार की याचिका का निपटारा करते हुए तुरंत यमुना जल बोर्ड के पास जाने का निर्देश दिया। बांसुरी स्वराज ने कहा कि आज सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद आतिशी और पूरी केजरीवाल सरकार की गंदी राजनीति उजागर हो गई है। स्वराज ने कहा कि अब यह साफ हो गया है कि मंत्री आतिशी सिर्फ गंदी राजनीति करती रही हैं।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर(X) पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)