Delhi Jal Board: बीजेपी का बड़ा दावा, दिल्ली जल बोर्ड में AAP ने 500 करोड़ का किया घोटाला

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Delhi Jal Board: भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली जल बोर्ड टेंडर में 500 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाते हुए आम आदमी पार्टी को कटघरे में खड़ा किया है। बीजेपी ने अरविंद केजरीवाल को भ्रष्टाचार में पीएचडी होल्डर बताया है। सोमवार को बीजेपी मुख्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल सरकार ने दिल्ली जल बोर्ड के एसटीपी कार्यों में 500 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला किया है। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल न सिर्फ भ्रष्टाचार में महारथ हासिल कर चुके हैं बल्कि कमीशनखोरी में भी सबसे आगे हैं। ईमानदारी के नाम पर राजनीति में आये केजरीवाल आज भ्रष्टाचार का पर्याय बन गये हैं।

क्या बोले गौरव भाटिया

गौरव भाटिया ने दावा किया कि सरकारी परियोजनाओं में मानदंडों का उल्लंघन करके दो बोलीदाताओं को लाभ पहुंचाने के लिए निविदाएं जारी की गईं। दस सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए केवल दो डीपीआर तैयार की गईं और नियमों के विपरीत ठेकेदारों को काम आवंटित कर दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि 10 एसटीपी (सीवेज उपचार संयंत्र) में से केवल पांच को उन्नयन के लिए चुना गया था, जबकि बाकी को 1938 करोड़ रुपये की लागत से 2022 में उन्नयन और सुदृढ़ीकरण के लिए लिया गया था।

उन्होंने कहा कि कार्यों के चार पैकेजों के लिए केवल दो बोलीदाताओं ने भाग लिया था, जिन्हें पूर्व-निर्धारित तरीके से कार्यों को आवंटित करने के स्पष्ट इरादे से विभाजित किया गया था और प्रत्येक को परियोजनाएं सौंपी गईं थीं। तथ्यों के साथ विस्तृत नोट जांच के लिए सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय के साथ-साथ उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को भेजे गए हैं।

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अनुमान बाजार दर से अधिक था परिणाम

उन्होंने यह भी खुलासा किया कि एल1 यानी सबसे कम बोली लगाने वाले के साथ बातचीत के दौरान, सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी और सीपीडब्ल्यूडी मैनुअल, 2019 के खंड 5.1.8(1) के तहत शासनादेश के बिना दरों को 392.04 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 408.04 करोड़ रुपये कर दिया गया था। का उल्लंघन कर कार्य दिया गया। यह अनुमान सलाहकार मेसर्स एनजेएस इंजीनियर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा तैयार किया गया था। इस तथ्य के बावजूद कि प्राक्कलन तैयार करने में सलाहकार का कार्य संतोषजनक नहीं पाया गया। इस सलाहकार द्वारा एकल उद्धरण के आधार पर अनुमान तैयार किए गए थे। परिणाम अनुमान बाज़ार दर से अधिक था। ऐसे में साफ है कि दिल्ली जल बोर्ड में भारी भ्रष्टाचार है।

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