नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्नाव रेप पीड़िता के पिता की हत्या के मामले के जांच अधिकारी को अपने बेटे की सगाई में शामिल होने के लिए दो हफ्ते की अंतरिम जमानत दी है। जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा की बेंच ने जांच अधिकारी को 4 मार्च से 18 मार्च तक की अंतरिम जमानत दी है।
जांच अधिकारी कामता प्रसाद सिंह को इस मामले में दस साल की कैद की सजा मिल चुकी है। जांच अधिकारी की ओर से पेश वकील अखंड प्रताप सिंह और अभिनंदन गौतम ने कहा कि उसके बेटे की 11 मार्च को सगाई है। जांच अधिकारी ने अपनी याचिका में कहा है कि उसे अपना पीएफ निकालने के लिए उन्नाव के एसपी दफ्तर भी जाना है। इसके लिए उन्होंने चार हफ्ते की अंतरिम जमानत की मांग की। उन्होंने कहा कि इसके पहले भी कोर्ट दो बार जमानत दे चुकी है और उस दौरान जांच अधिकारी ने कभी भी शर्तों का उल्लंघन नहीं किया।
सीबीआई ने अपने स्टेटस रिपोर्ट में इस बात की तस्दीक की कि 11 मार्च को जांच अधिकारी के बेटे की सगाई मध्यप्रदेश के रीवा में होनी है। हालांकि उन्नाव के एसपी दफ्तर में जाकर पीएफ निकासी की बात का वेरिफिकेशन नहीं हो पाया। इसके पहले 23 दिसंबर 2022 को जांच अधिकारी को स्वास्थ्य वजहों से अंतरिम जमानत दी गई थी। 13 मार्च 2020 को तीस हजारी कोर्ट ने इस मामले में बीजेपी के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर समेत जांच अधिकारी को दस साल की कैद की सजा सुनाई थी। इस मामले में जांच अधिकारी पांच साल से ज्यादा की सजा भुगत चुका है।
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