Delhi Elections: कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने आज दिल्ली के पटपड़गंज और ओखला विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में चुनावी रैलियों को संबोधित किया। इन रैलियों में उन्होंने आम आदमी पार्टी (AAP) और उसके नेताओं अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया पर तीखा हमला बोला। उन्होंने ऐलान किया कि दिल्ली में कांग्रेस की सरकार बनने पर जातिगत जनगणना कराई जाएगी।
Delhi Elections: केजरीवाल ने किया था दिल्ली बदलने का वादा
राहुल गांधी ने दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार को अविश्वसनीय करार देते हुए कहा कि यहां न तो साफ हवा है और न ही पानी। आप संयोजक अरविंद केजरीवाल जब आए थे तो उनके पास छोटी कार थी। वह बिजली के खंभे पर चढ़ गए थे। उस समय उन्होंने कहा था कि वह दिल्ली को बदल देंगे लेकिन जब दिल्ली हिंसा के दौरान गरीबों को उनकी जरूरत पड़ी तो वह कहीं नहीं गए। केजरीवाल ने कहा था कि वह साफ-सुथरी राजनीति लाएंगे लेकिन वह शीशमहल में रहते हैं। राहुल गांधी ने कहा कि मुझे सरकारी आवास खाली करने का नोटिस मिला, मैंने बिना एक पल गंवाए उसे खाली कर दिया और चाबियां वापस कर दीं।
Delhi Elections: घोटालों के चलते भागे मनीष सिसोदिया
मुझमें और केजरीवाल में यही बुनियादी फर्क है। उन्होंने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को दिल्ली आबकारी नीति घोटाले का सूत्रधार बताया और कहा कि इसी के चलते सिसोदिया को पटपड़गंज सीट से भागना पड़ा। उन्होंने इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी अनिल चौधरी को वोट देने की अपील की। उन्होंने ओखला औद्योगिक क्षेत्र की खस्ता हालत के लिए मौजूदा केंद्र और दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि यहां के छोटे उद्यमी बर्बाद हो गए। केजरीवाल और मोदी ने कुछ नहीं किया। उन्होंने ओखला सीट पर अरीबा खान को वोट देने की अपील की।
Delhi Elections: बीजेपी पर भी साधा निशाना
राहुल गांधी ने अपने भाषण में भाजपा पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आज देश में दो विचारधाराएं हैं। एक विचारधारा देशवासियों को जाति और धर्म के नाम पर लड़ाती है और पूंजीपतियों का पोषण करती है। इसके अलावा कांग्रेस की विचारधारा आपस में प्रेम और स्नेह से रहना सिखाती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ऐसा हिंदुस्तान चाहती है जहां डर और नफरत के लिए कोई जगह नहीं होगी। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार देश के सारे संसाधन पूंजीपतियों को सौंप रही है और दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों को उनके निजी संस्थानों में रोजगार के अवसर नहीं दिए जा रहे हैं।
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उन्होंने इसे एक सोची समझी साजिश बताते हुए कहा कि कैसे इन वर्गों के लोग अपने बच्चों को निजी संस्थानों में मोटी फीस देकर मेडिकल, इंजीनियरिंग और कानून जैसे प्रोफेशनल कोर्स की पढ़ाई करवाते हैं और बाद में नौकरी के लिए माथा पीटते रह जाते हैं। उन्होंने कहा कि देश में दलितों, आदिवासियों, पिछड़े वर्गों और अल्पसंख्यकों की कुल आबादी 90 प्रतिशत है। इसके बावजूद देश की पांच बड़ी निजी क्षेत्र की कंपनियों के प्रबंधन में आपको इन वर्गों का एक भी व्यक्ति नहीं मिलेगा।
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