Delhi Election 2025 : दिल्ली विधानसभा चुनाव में यमुना के पानी को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है। इस बीच चुनाव आयोग (EC) ने आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को कारण बताओ नोटिस भेजा है। दरअसल, आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक ने दावा किया था कि हरियाणा सरकार यमुना के पानी में जहर मिलाकर दिल्ली भेजती है। चुनाव आयोग ने केजरीवाल से शुक्रवार तक कई सवालों के जवाब सबूत के साथ मांगे हैं।
आयोग ने अरविंद केजरीवाल से यह भी स्पष्टीकरण मांगा है कि हरियाणा राज्य सरकार द्वारा यमुना नदी में किस प्रकार का जहर मिलाया गया था। जहर की मात्रा, प्रकृति और इसकी पहचान के लिए क्या साक्ष्य उपलब्ध हैं। जहर का पता किस स्थान पर चला। दिल्ली जल बोर्ड के किन इंजीनियरों ने इसकी पहचान की, कैसे और कहां। आयोग ने केजरीवाल को अपना स्पष्टीकरण पेश करने के लिए शुक्रवार सुबह 11 बजे तक का समय दिया है।
केजरीवाल ने हरियाणा सरकार पर लगाए थे आरोप
बता दें कि EC का यह जवाब केजरीवाल द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद आया है। अपने आरोप में केजरीवाल ने कहा था कि योजनाबद्ध तरीके से यमुना के पानी में अमोनिया का स्तर बढ़ाकर लोगों को जहर देने की तैयारी की जा रही है। चुनाव आयोग ने केजरीवाल से अमोनिया प्रदूषण और जहर के आरोपों के बीच अंतर स्पष्ट करने और दोनों मुद्दों को एक साथ जोड़ने से बचने का भी अनुरोध किया है।
इसके अलावा, आयोग ने केजरीवाल को भड़काऊ बयान देने के खिलाफ भी आगाह किया है, जिससे सार्वजनिक अशांति या समुदायों के बीच विवाद हो सकता है। ईसीआई ने यह भी कहा कि पानी की उपलब्धता और स्वच्छता सरकार की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है, और सभी सरकारें सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने के लिए जिम्मेदार हैं।
केजरीवाल से जवाब से चुनाव आयोग संतुष्ट नहीं
अपने पत्र में चुनाव आयोग ने लिखा है कि अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि हरियाणा सरकार ने जानबूझकर यमुना नदी में जहर मिलाया है, जिससे दिल्ली में नरसंहार की स्थिति पैदा हो सकती है। आयोग ने आपको इस बयान के बारे में तथ्यों और कानूनी पहलुओं के साथ सबूत देने के लिए 29 जनवरी, 2025 तक का समय दिया था। आयोग को 29 जनवरी, 2025 को आपके जवाब के रूप में एक पत्र मिला, जिसमें कोई स्पष्टता नहीं दी गई।
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इसमें आगे लिखा गया है, “आयोग द्वारा जांच के बाद पाया गया कि आपके उत्तर में आपके द्वारा अभियान के दौरान दिए गए उस बयान के बारे में कुछ नहीं कहा गया है, जिसमें आपने यमुना नदी में जहर घोलने को “युद्ध जैसा कृत्य” और “दिल्ली में नरसंहार करने की साजिश” बताया था।
इसके अलावा, आपने दावा किया था कि दिल्ली जल बोर्ड के इंजीनियरों ने समय रहते जहरीले पानी का पता लगा लिया था और उसे दिल्ली की सीमा पर रोक लिया था। हालांकि, इस बयान का समर्थन करने के लिए कोई तथ्य या कानूनी सबूत नहीं दिए गए हैं। अपने बयान को स्पष्ट करने के बजाय, आपने यमुना नदी में उच्च अमोनिया स्तर को जहर का कारण बताने की कोशिश की।”
चुनाव आयोग ने केजरीवाल को लगाई फटकार
चुनाव आयोग ने कहा कि आपके द्वारा दिए गए उत्तर के मद्देनजर आयोग ने पाया कि यमुना नदी में जहर मिलाने के आपके आरोपों से विभिन्न समूहों के बीच आपसी दुश्मनी और सामाजिक अशांति बढ़ने की संभावना है। एक प्रमुख सार्वजनिक व्यक्ति और पूर्व CM के रूप में आयोग आपको याद दिलाना चाहता है कि इस तरह के बयानों और कार्यों के गंभीर परिणाम हो सकते हैं, जो दो राज्यों के नागरिकों के बीच स्थायी घाव छोड़ सकते हैं।