नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ दायर मानहानि मामले की अगली सुनवाई के लिए 19 सितंबर की तारीख तय की।
बता दें कि मामला राजस्थान में संजीवनी क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसाइटी घोटाले के संबंध में सीएम गहलोत द्वारा दिए गए कथित भ्रामक बयानों से संबंधित है। गहलोत और शेखावत दोनों गुरुवार को राउज एवेन्यू कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) हरजीत सिंह जसपाल की अदालत में वर्चुअली पेश हुए। बहस के दौरान, शेखावत व गहलोत दोनों के वकीलों ने शीर्ष अदालत द्वारा दिए गए विभिन्न निर्णयों को रिकॉर्ड पर रखा, क्योंकि कोर्ट ने शिकायतकर्ता की ओर से दायर नए ‘वकालतनामा’ को रिकॉर्ड पर लिया।
इससे पहले कोर्ट ने पुलिस को शेखावत की शिकायत की जांच करने का निर्देश दिया था। हरजीत सिंह जसपाल ने कहा था कि जांच ऐसी होनी चाहिए जिसमें तीन मुख्य सवाल हों कि क्या शिकायतकर्ता शेखावत को आरोपी गहलोत ने संजीवनी घोटाले में ‘आरोपी’ कहकर संबोधित किया था, क्या गहलोत ने कहा था कि संजीवनी घोटाले में शेखावत के खिलाफ आरोप हैं. साबित हो चुका है, और क्या शेखावत या उनके परिवार के सदस्यों को घोटाले की जांच में ‘आरोपी’ के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
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शेखावत ने इस साल मार्च में गहलोत के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था, जिसमें कहा गया था कि संजीवनी मामले की जांच शुरू की गई थी, लेकिन उनके नाम का कहीं भी उल्लेख नहीं किया गया था। उन्होंने भारतीय दंड संहिता की प्रासंगिक धाराओं के तहत आपराधिक मानहानि के लिए गहलोत के खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग की थी।
अशोक गहलोत ने कहीं थी यह बात
उन्होंने अपनी प्रतिष्ठा के नुकसान के लिए उचित वित्तीय मुआवजे की भी मांग की। 21 फरवरी को राज्य सचिवालय में बजट समीक्षा बैठक के बाद, गहलोत ने कहा था कि उनके माता-पिता व पत्नी सहित पूरा शेखावत परिवार संजीवनी घोटाले में शामिल था। गहलोत ने भी मानहानि का मुकदमा दायर करने का स्वागत करते हुए कहा था, ”इस बहाने कम से कम मामला आगे बढ़ेगा।