देहरादूनः उत्तराखंड की राज्य आंदोलनकारी सुशीला बलूनी (sushila-baluni) का मंगलवार शाम निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार चल रही थीं। मंगलवार दोपहर उनका स्वास्थ्य खराब होने पर उन्हें मैक्स अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया था, जहां देर शाम उनका निधन हो गया। उनके निधन पर राज्यपाल ले. जनरल गुरमीत सिंह, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, राज्य आंदोलनकारी रविन्द्र जुगरान समेत विभिन्न दलों व सामाजिक संगठन से जुड़े लोगों ने दुख व्यक्त किया।
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने वरिष्ठ उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी सुशीला बलूनी (sushila-baluni) के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि संघर्ष की प्रतिमूर्ति बलूनी के उत्तराखण्ड राज्य के निर्माण में दिए गए योगदान को चिरकाल याद रखा जायेगा। वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी तथा उत्तराखंड महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष सुशीला बलूनी के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि पृथक उत्तराखण्ड के निर्माण में उनके योगदान को सदैव याद रखा जाएगा। इस दुख की खड़ी में सरकार परिजनों के साथ खड़ी है।
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बलूनी के निधन राज्य के अपूरणीय क्षति
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराजमंत्री सतपाल महाराज ने उत्तराखंड की वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी व राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष सुशीला बलूनी के निधन पर संवेदना व्यक्त करते हुए इसे एक अपूरणीय क्षति बताया है। राज्य आंदोलन में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। उत्तराखण्ड राज्य निर्माण आंदोलन में सुशीला बलूनी ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। उन्हें भाजपा सरकार में विभिन्न दायित्व भी मिले। बीमारी के बावजूद वे आखिरी समय तक राजनीतिक व सामाजिक कार्यों में सक्रिय रही।
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