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'डीपफेक' पर लगी लगाम ! सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए एडवाइजरी जारी

Deepfakes, नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने 'डीपफेक' की समस्या से निपटने के लिए ठोस कदम उठाए हैं। डीपफेक पर बढ़ती चिंताओं के बीच, सभी ऑनलाइन सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को आईटी नियमों का पालन करने के लिए एक सलाह जारी की गई है। इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने मंगलवार को जारी एक बयान में कहा कि सरकार ने सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को सूचना प्रौद्योगिकी नियमों का पालन करने के लिए एक सलाह जारी की है। वीडियो हेरफेर से संबंधित 'डीपफेक' और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के माध्यम से गलत सूचना के प्रसार पर बढ़ती चिंताओं के बीच यह सलाह आई है।

गलत सूचना से बढ़ रही चिंता

मंत्रालय की ओर से जारी एडवाइजरी के मुताबिक, केंद्र सरकार की ओर से साफ निर्देश है कि सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को नियमों का पालन करना होगा। आईटी मंत्रालय ने प्लेटफार्मों से कहा कि आईटी नियमों के तहत जिस सामग्री की अनुमति नहीं है, उसके बारे में उपयोगकर्ताओं को स्पष्ट रूप से सूचित करना होगा। यह सलाह आईटी राज्य मंत्री राजीव चन्द्रशेखर द्वारा मध्यस्थों के साथ की गई चर्चा का परिणाम है। मंत्रालय के मुताबिक, आईटी नियमों के तहत जिस सामग्री की अनुमति नहीं है, उसके बारे में उपयोगकर्ताओं को स्पष्ट और सटीक जानकारी दी जानी चाहिए। जब उपयोगकर्ता पहली बार पंजीकरण करता है तो उसे यह भी स्पष्ट रूप से समझाया जाना चाहिए। यह निर्देश विशेष रूप से एआई और डीपफेक की मदद से गलत सूचना के प्रसार पर बढ़ती चिंताओं से संबंधित है।

सरकार ने जारी की एडवाइजरी

आईटी मंत्रालय द्वारा जारी सलाह के अनुसार, डिजिटल प्लेटफॉर्म को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उपयोगकर्ताओं को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और आईटी अधिनियम, 2000 जैसे दंड प्रावधानों के बारे में सूचित किया जाए। इसके अतिरिक्त, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की सेवा की शर्तों और उपयोगकर्ता समझौतों के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए। स्पष्ट रूप से बताएं कि मध्यस्थों या प्लेटफार्मों का दायित्व है कि वे प्रासंगिक भारतीय कानूनों के तहत कानून प्रवर्तन एजेंसियों को कानूनी उल्लंघनों की रिपोर्ट करें। इसके अतिरिक्त, ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर उपयोगकर्ताओं को डिजिटल मध्यस्थों पर निषिद्ध सामग्री से संबंधित किसी भी जानकारी को होस्ट करने, प्रदर्शित करने, अपलोड करने, संशोधित करने, प्रकाशित करने, प्रसारित करने, संग्रहीत करने, अपडेट करने या साझा करने से रोकने का भी दायित्व होगा। इसे रोकने के लिए उचित प्रयास करें। यह भी पढ़ेंः-अयोध्या पहुंचे डिप्टी सीएम, कहा- राजनीति में न होता तो मंदिर निर्माण की मिलती जिम्मेदारी गौरतलब है कि 'डीपफेक' का मतलब इंटरनेट पर उपलब्ध सामग्री से छेड़छाड़ करना और उसे गलत तरीके से पेश करना है। इसमें किसी भी व्यक्ति को गलत तरीके से प्रस्तुत करने या उसका प्रतिरूपण करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता के माध्यम से डिजिटल हेरफेर किया जाता है। हाल ही में कुछ फिल्मी हस्तियों को डीपफेक के जरिए निशाना बनाने की कोशिश की गई थी। इस घटना के बाद सरकार ने इस संबंध में एडवाइजरी जारी की है। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)