Kolkata rape and murder case: पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के जयनगर में नाबालिग से दुष्कर्म और हत्या मामले में दोषी करार दिए गए मुस्तकीन सरदार को बरुईपुर कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट ने 63 दिनों के भीतर मामले की सुनवाई पूरी कर शुक्रवार को यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया। गुरुवार को बरुईपुर फास्ट एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज कोर्ट के जज सुब्रत चट्टोपाध्याय ने मुस्तकीन सरदार को दोषी करार दिया।
शुक्रवार को सजा पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने उसे फांसी की सजा सुनाई। साथ ही मृतक के परिवार को 10 लाख रुपये मुआवजा देने का भी आदेश दिया। सरकारी वकील विभास चट्टोपाध्याय ने कहा, यह घटना सबसे क्रूर और दुर्लभ मामलों में से एक थी। हमने मौत की सजा की मांग की थी और कोर्ट ने इसे स्वीकार कर लिया। इस मामले में डीएनए प्रोफाइल ने अहम भूमिका निभाई, जिससे संदेह की कोई गुंजाइश नहीं थी।
Kolkata rape and murder case: क्या है मामला
4 अक्टूबर की शाम को ट्यूटर के पास पढ़ने गई पीड़िता घर लौटते समय लापता हो गई थी। उसके परिजनों ने स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। उसी रात उसके घर के पास एक जलाशय से उसका शव बरामद किया गया। पुलिस ने उसी रात मुस्तकिन सरदार को गिरफ्तार कर लिया।
घटना के बाद इलाके में भारी आक्रोश था। स्थानीय लोगों ने पुलिस और नेताओं पर हमला किया। शुरुआत में पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया था, लेकिन बाद में कोर्ट के निर्देश पर पोक्सो की धाराएं जोड़ दी गईं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घटना की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया और त्वरित न्याय का आश्वासन दिया। 26 दिनों के भीतर 30 अक्टूबर को चार्जशीट दाखिल की गई और 5 नवंबर से गवाहों के बयान दर्ज किए गए। मामले में कुल 36 गवाहों के बयान दर्ज किए गए।
19 वर्षीय मुस्तकिन ने कोर्ट को बताया कि वह निर्दोष है और उसके परिवार में उसके माता-पिता के अलावा उसकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है। उसने कोर्ट से माफी की गुहार लगाई। हालांकि, सरकारी वकील ने तर्क दिया कि अपराध पूर्व नियोजित और क्रूर था। पीड़िता के शरीर पर 38 चोट के निशान थे और उसकी हत्या धोखे से की गई थी।
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Kolkata rape and murder case: 63 दिनों में ऐतिहासिक फैसला
63 दिनों में सुनवाई पूरी होने और दोषी को फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद पश्चिम बंगाल पुलिस ने अपने आधिकारिक हैंडल पर लिखा, जयनगर के लिए न्याय! यह फैसला ऐतिहासिक है। पश्चिम बंगाल में यह पहली बार है कि 63 दिनों में बलात्कार और हत्या के मामले में किसी दोषी को फांसी की सजा दी गई है। हमारा उद्देश्य पीड़िता और उसके परिवार को त्वरित न्याय दिलाना था। हमारे लिए यह संतोषजनक है कि उन्हें न्याय के लिए लंबे समय तक इंतजार नहीं करना पड़ा। जयनगर मामले के इस फैसले को एक उदाहरण के रूप में देखा जा रहा है, जहां न्यायिक प्रक्रिया तेजी से पूरी हुई।
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