अमेरिका में आतंक का पर्याय माने जाने वाले दुर्दांत अपराधी की जेल में मौत

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वाशिंगटनः यूनाबॉम्बर के रूप में जाने जाने वाले थिओडोर जॉन कजिंस्की की बीते दिनों स्थानीय जेल में मृत्यु हो गई। 81 वर्षीय कजिंस्की तेज दिमाग वाला एक शातिर अपराधी था। अमेरिका में आतंक का पर्याय माने जाने वाले कजिंस्की पर तीन लोगों की हत्या का आरोप लगा था। इस खूंखार अपराधी ने 1978 से 1995 के बीच 17 बम धमाकों को अंजाम दिया था।

महज 16 साल की उम्र में हासिल की थी स्कॉलरशिप

दुनिया की मशहूर यूनिवर्सिटी हार्वर्ड से पढ़ाई करने वाले कजिंस्की ने महज 16 साल की उम्र में स्कॉलरशिप हासिल कर ली थी। मैथ टॉपर कजिंस्की को अपराध के दलदल में किसने पहुंचाया, यह सवाल उनकी मौत के साथ ही दफन हो गया। कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले में गणित के सहायक प्रोफेसर के रूप में नौकरी करने से पहले, 1967 में कजिंस्की ने मिशिगन विश्वविद्यालय में गणित में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। 1971 में वह मोंटाना चले गए। वहां जमीन खरीदी। उस सर्दियों में उन्होंने 1,000 से कम लोगों के शहर लिंकन के पास एक टार-पेपर केबिन बनाया। उसने इसी केबिन में बम बनाए थे।

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उसने इन बमों का इस तरह इस्तेमाल किया कि उसके पीछे किसी का पता चलने की संभावना कम ही थी। वह इतना शातिर दिमाग था कि अमेरिका की जांच एजेंसी एफबीआई को भी उसे पकड़ने में करीब दो दशक लग गए। 1995 में, अपराधी ने अपना 35,000 शब्दों का घोषणापत्र, इंडस्ट्रियल सोसाइटी एंड इट्स फ्यूचर, प्रकाशन के लिए एफबीआई को भेजा। उसने धमकी दी थी कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो एजेंसी उसे कभी नहीं पकड़ पाएगी। मजबूर होकर जांच एजेंसी को उसकी बात माननी पड़ी। इसके कुछ समय बाद ही 1996 में उन्हें जांच एजेंसी ने गिरफ्तार कर लिया। उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। तब से वह जेल में बंद था।

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