New Delhi : भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) की आज पुण्यतिथि है। उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने उन्हें याद किया।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक्स पर किया पोस्ट
मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने शनिवार को अपने एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, “लाल बहादुर शास्त्री ने कहा था, मेरी समझ से प्रशासन का मूल विचार समाज को एकजुट रखना है, ताकि वो विकास कर सके और अपने लक्ष्यों की तरफ बढ़ सके।”
“मेरी समझ से प्रशासन का मूल विचार ये है कि समाज को एकजुट रखा जाए, ताकि वो विकास कर सके और अपने लक्ष्यों की तरफ बढ़ सके।”
~ लाल बहादुर शास्त्री
“जय जवान, जय किसान” के प्रेरक, महान गाँधीवादी, हमारे आदर्श, पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की पुण्यतिथि पर हम उन्हें भावभीनी… pic.twitter.com/lmCp79LihQ
— Mallikarjun Kharge (@kharge) January 11, 2025
उन्होंने आगे कहा, ““जय जवान, जय किसान” के प्रेरक, महान गांधीवादी, हमारे आदर्श, पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की पुण्यतिथि पर हम उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। उन्होंने देश को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। भूमि सुधार से लेकर दुग्ध क्रांति की नींव रखने तक, रेलवे में थर्ड क्लास को खत्म करने से लेकर 1965 की जंग तक, अपनी सरलता एवं सादगीपूर्ण जीवन से सबके प्रेरणास्रोत बने, शास्त्री ने देश की उन्नति के लिए हमेशा काम किया।”
नितिन गडकरी ने दी श्रद्धांजलि
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, “देश के पूर्व प्रधानमंत्री ‘जय जवान जय किसान’ के प्रणेता भारत रत्न लाल बहादुर शास्त्री की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र अभिवादन।”
2 अक्टूबर को हुआ था जन्म
बता दें कि, लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में हुआ था। शास्त्री जून 1964 से जनवरी 1966 तक भारत के दूसरे प्रधानमंत्री रहे थे। उन्होंने पंडित जवाहर लाल नेहरू के निधन के बाद प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी संभाली थी। उन्होंने भारत की पहली स्वतंत्र सरकार में गृह मंत्री और रेल मंत्री जैसी महत्वपूर्ण पद संभाले थे।
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18 महीने तक रहे देश के प्रधानमंत्री
लाल बहादुर शास्त्री के कार्यकाल में ही 1965 का भारत-पाकिस्तान युद्ध हुआ था। हालांकि, वह करीब 18 महीने तक देश के प्रधानमंत्री रहे। 11 जनवरी 1966 की रात में रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हो गई थी।