लखनऊः उत्तर प्रदेश में ड्रग्स की तस्करी में Dark Web, Deep Web, और Surface Web का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है। इन प्लेटफॉर्मों के जरिए ड्रग्स की खरीद-फरोख्त गुप्त तरीके से की जा रही है। डार्क वेब इंटरनेट का एक हिस्सा है, जो सामान्य सर्च इंजन से नहीं खोजा जा सकता। इसे एक्सेस करने के लिए विशेष सॉफ्टवेयर और कॉन्फिगरेशन की आवश्यकता होती है। डार्क वेब का इस्तेमाल अक्सर अवैध गतिविधियों जैसे- ड्रग्स की तस्करी, हथियारों की तस्करी और अन्य अपराधों के लिए किया जाता है। ड्रग्स के सौदागर डार्क वेब पर विभिन्न कोडवर्ड्स का इस्तेमाल कर ड्रग्स की खरीद-फरोख्त करते हैं।
कोरोना के बाद तेजी से बढ़ा मामले
इन कोडवर्ड्स के जरिए वे ड्रग्स की किस्म, मात्रा और कीमत के बारे में जानकारी देते हैं। भुगतान के लिए अक्सर क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे पुलिस के लिए इन सौदों को ट्रैक करना मुश्किल हो जाता है। डार्क वेब पर सबसे ज्यादा सिंथेटिक नारकोटिक्स और साइकोट्रोपिक ड्रग्स की खरीद-फरोख्त हो रही है। इनमें गांजा, मेथामफेटामाइन, कोकीन, एमडीएमए, एलएसडी, कीटामाइन, मैथाडोन और मार्फीन जैसी ड्रग्स शामिल हैं। कोरोना महामारी के बाद से डार्क वेब, डीप वेब और सरफेस वेब के जरिए ड्रग्स की खरीद-फरोख्त के मामले तेजी से बढ़े हैं। इसकी मुख्य वजह यह है कि इन प्लेटफॉर्मों पर ड्रग्स को गुप्त तरीके से खरीदा और बेचा जा सकता है।
100 करोड़ से ज्यादा के मादक पदार्थ जब्त
उत्तर प्रदेश एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) डार्क वेब पर हो रही ड्रग्स की तस्करी को रोकने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। एएनटीएफ ने पिछले कुछ वर्षों में कई करोड़ रुपये की ड्रग्स जब्त की है और कई तस्करों को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा, एएनटीएफ डार्क वेब को ट्रैक करने के लिए एथिकल हैकर्स, आईटी एक्सपर्ट्स और साइबर एक्सपर्ट्स को प्रशिक्षित कर रही है। उत्तर प्रदेश एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) ने वर्ष 2024 में अभूतपूर्व सफलता हासिल की है। एएनटीएफ ने इस वर्ष अब तक 100 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के अवैध मादक पदार्थों को जब्त किया है। पिछले तीन वर्षों में यह आंकड़ा 180 करोड़ रुपये के करीब पहुंच गया है।
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एएनटीएफ ने 95 से अधिक मामले दर्ज किए हैं और 200 से अधिक तस्करों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजा है। जब्त किए गए मादक पदार्थों में 1.78 किलोग्राम मार्फिन, 13.93 किलोग्राम हेरोइन (स्मैक), 23.85 किलोग्राम चरस, 61.88 किलोग्राम अफीम, 3414.98 किलोग्राम डोडा (पोस्ता तृण), 6467.01 किलोग्राम गांजा और 3.44 किलोग्राम मेफेड्रान शामिल हैं। डार्क वेब के जरिए ड्रग्स की तस्करी एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। इस समस्या से निपटने के लिए पुलिस को और अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। साथ ही, लोगों को भी ड्रग्स के नशे से दूर रहने के लिए जागरूक किया जाना चाहिए।
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