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लगातार बढ़ता जा रहा म्यूकोरमाइकोसिस का खतरा, केंद्र सरकार ने उठाया ये बड़ा कदम

नई दिल्लीः म्यूकोरमाइकोसिस यानि फंगल इंफेक्शन के इलाज में कारगर एम्फोटेरिसिन बी दवा की मांग अचानक बढ़ गई है। इसको देखते हुए केन्द्र सरकार हरकत में आ गई है। इस संबंध में केन्द्र सरकार ने दवा बनाने वाली कंपनियों को इसके उत्पादन को बढ़ाने को कहा है। इसके साथ इस दवा को विदेशों से भी मंगवाया जा रहा है।

इस संबंध में रसायन व उर्वरक मंत्रालय ने बुधवार को निर्माताओं व आयातकों के साथ स्टॉक की स्थिति की समीक्षा की। मांग के आधार पर एमफोटेरिसिन बी की राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों दवा आवंटित की गई है। 31 मई तक राज्यों से सरकारी और निजी अस्पतालों और स्वास्थ्य देखभाल एजेंसियों में इस दवा की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा है।

मंत्रालय के मुताबिक राज्यों से अनुरोध किया गया है कि वे इस आवंटन से दवा प्राप्त करने के लिए राज्य में निजी और सरकारी अस्पतालों के लिए 'संपर्क बिंदु' का प्रचार करें। इसके अलावा, राज्यों से अनुरोध किया गया है कि विवेकपूर्ण उपयोग करें। आपूर्ति की व्यवस्था की निगरानी राष्ट्रीय फार्मास्यूटिकल्स मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) द्वारा की जा रही है।

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म्यूकोरमाइकोसिस क्या है?

यह एक खतरनाक फंगल इंफेक्शन है, जो आमतौर पर डायबिटीज के रोगियों में पाया जाता है। जिन लोगों का शुगर कंट्रोल में नहीं है और वह कोरोना से संक्रमित हो जाएं, तो यह इंफेक्शन होने का खतरा काफी बढ़ जाता है। इसके लक्षणों में सिर दर्द, आंखो के नीचे दर्द होना, बुखार आदि शामिल है। कुछ मामलों में आंखों से धुंधला दिखाई देना और नाक व साइनस में सिकुड़न महसूस होने जैसा लक्षण भी शामिल है।