Saturday, December 28, 2024
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‘दंगल’ ने बदली पिता व बेटियों की जिंदगी, 50 साल बाद बिहार को दिलाया पदक

बेगूसराय: यह एक पिता के जिद, जज्बे और जुनून भर की नहीं, सिनेमा के समाज पर बड़े असर की कहानी भी है। …और यह कहानी ऐसी लड़की की भी है जिसने अपने पिता के सपने को पूरा करने के लिए हाड़तोड़ मेहनत की। जिसके परिवार को पहलवान बनने पर आसपास के लोग दिन-रात ताने देते रहे हों, वही अब मुंह मीठा कराकर बधाई दे रहे हैं।

उत्तर प्रदेश के गोंडा में तीन दिवसीय अंडर-17 सब जूनियर बालक-बालिका राष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिता-2023 का 18 अप्रैल को समापन हुआ है। इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाली निर्जला कुमारी ने रजत पदक जीतकर बिहार का सीना चौड़ा कर दिया है। छोटी उम्र में बड़ी उपलब्धि हासिल कर सुर्खियों में आई 13 वर्षीय निर्जला अब ओलंपिक में देश का नाम ऊंचा करना चाहती है।

बेगूसराय के सलौना-बखरी के मुकेश कुमार स्वर्णकार के सीने में साल 2016 की आमिर खान अभिनीत फिल्म दंगल को देखकर एक हूक सी उठी। आमिर के इस डॉयलाग ”म्हारी छोरियां छोरों से कम हैं के” को सुनकर वह बीच में फिल्म छोड़कर टाकीज से बाहर आ गए। दो-चार दिन की उधेड़बुन के बाद दोनों पुत्रियों को पहलवान बनाने के लिए घर में अखाड़ा खुदवा दिया। बड़ी बेटी शालिनी (14) और छोटी निर्जला ने इस अखाड़े में दिन-रात पसीना बहाया। इसके बाद मुकेश ने दोनों को कुश्ती प्रशिक्षण केंद्र भेजा।

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इन लड़कियों की मां पूनम देवी कहती हैं – पड़ोसी ताने देते थे कि लड़कियों को पहलवान बना दिया। अब इनका ब्याह कैसे करोगी। वह कहतीं है ऐसी बातें एक कान से सुनकर दूसरे कान से उड़ाती रहीं। वह दंगल गर्ल गीता और बबीता फोगाट को यादकर पति और बेटियों के हर कदम पर साथ रहीं।…और हमेशा रहेंगी। वो दोनों बेटियों को रूढ़ियों की बेडियां तोड़कर दंगल के अंतरराष्ट्रीय फलक पर देखना चाहती हैं। शालिनी और निर्जला भी गीता एवं बबीता को अपना आदर्श मानती हैं।

निर्जला की इस उपलब्धि पर जिला कुश्ती संघ के सचिव और एनआईएस कोच कुंदन कुमार ठाकुर कहते हैं गर्व से छाती चौड़ी हो गई है। बिहार के 50 वर्ष के इतिहास में महिला कुश्ती में आज तक कोई पदक प्राप्त नहीं हुआ था। निर्जला (49 किलोग्राम भार वर्ग) ने इस सूखे को खत्म कर दिया है। सनद रहे 12 अप्रैल को गया में आयोजित राज्यस्तरीय कुश्ती प्रतियोगिता में निर्जला एवं विनोदपुर के मुकेश कुमार की पुत्री जुगनू भारद्वाज का चयन राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए किया गया था।

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