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जून के अंत और जुलाई की शुरुआत में करें इन सब्जियों की खेती, बंपर पैदावार के साथ होगी मोटी कमाई

vegetable-farming पटनाः आखिरकार मानसून कमजोर ही सही लेकिन बिहार में दस्तक दे दिया है। पूरे जून माह में चिलचिलाती धूप व तापमान में वृद्धि के साथ ही बारिश की कमी की वजह से किसानों ने अपने खेत में कोई फसल नहीं लगाई है। लेकिन अब,जब बारिश शुरु हो चुकी है तो किसान भाई अपने खेतों में फसल (vegetable farming) की बुवाई शुरु कर सकते हैं। जिले के कृषि विज्ञान केंद्र, परसौनी, पहाड़पुर के वैज्ञानिकों के अनुसार, जून के अंत और जुलाई की शुरुआत खरीफ फसलों में सब्जियों की खेती (vegetable farming) के लिए अनुकूल समय है। जिसमें टमाटर, करेला, भिंडी, खीरा, मूली, लौकी, प्रमुख हैं, जो इस मौसम में किसानों को बेहतर उत्पादन दे सकते हैं। ये भी पढ़ें..Devshayani Ekadashi 2023: 29 जून का देवशयनी एकादशी, इसा साल चार नहीं पांच माह का होगा चातुर्मास भिंडी farming-okra भिंडी की खेती (vegetable farming) लगभग हर प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है, लेकिन बरसात के मौसम में जल निकासी वाली रेतीली या चिकनी मिट्टी में भी इसकी अच्छी पैदावार मिल सकती है। इसकी फसल से अच्छा उत्पादन लेने के लिये पूसा मखमली, पूसा ए-4, पूसा सावनी, वर्षा उपहार, अर्का अभय, परभनी क्रांति, वी.आर.ओ.-6, हिसार उन्नत आदि प्रमुख किस्में हैं।

टमाटर

farming-tomato टमाटर की खेती (vegetable farming) इस मौसम के अनुकूल है।बाजार में मांग व अधिक गर्मी के कारण उत्पादन में कमी से टमाटर के भाव अच्छे है। इसके लिए टमाटर की देशी किस्में पूसा रूबी, पूसा गौरव, पूसा-120, पूसा शीतल, अर्का सौरभ, सोनाली, संकर और अर्का विकास किस्में रश्मी के साथ अविनाश-2. पूसा हाइब्रिड-1, पूसा हाइब्रिड-4, पूसा हाइब्रिड-2आदि अच्छी उपज देने वाली किस्में हैं।

खीरा

farming-cucumber खीरा की बेहतर उत्पादन लेने के लिये सूरज की रौशनी के साथ भरपूर पानी की जरूरत होती है। इसकी खेती से किसान अच्छी लाभ ले सकते है। स्वर्ण पूर्णिमा, पूसा उदय, पूसा संयोग, पूसा बरखा, स्वर्ण अगेती आदि खीरे की प्रमुख किस्में हैं, साथ ही खीरे की संकर किस्मों को भी उगाकर खूब मुनाफा कमाया जा सकता है।

करेला

farming-bitter-gourd करेला एक ऐसी सब्जी है,जिसका औषधीय प्रयोग भी होता है। बारिश के समय अच्छी जल निकासी वाली दोमट मिट्टी में करेला की खेती लाभदायक है।एक एकड़ जमीन पर करेला की खेती के लिये 500 ग्राम बीज पर्याप्त है।करेला की प्रमुख किस्मों में पूसा विशेष, पूसा हाइब्रिड 1, पूसा हाइब्रिड 2, अर्का हरित, पंजाब करेला 1 को ज्यादा पैदावार किस्में कहते हैं।

लौकी

farming- bottle-gourd जून माह के आखिर से जुलाई के पहले हफ्ते तक लौकी की खेती की जाती है। इसका अच्छा उत्पादन पाने के लिए पूसा नवीन, पूसा सन्तुष्टी, पूसा सन्देश लगा सकते हैं। इस फसल की बुआई या रोपाई नाली बनाकर की जाती है।

मूली

farming-radish इसकी खेती (vegetable farming) के लिए अधिक जल निकास वाली भूमि का चयन करना चाहिए, क्योंकि मूली की खेती में यदि लंबे समय तक जल जमाव रहता है तो इसकी जड़ें सड़ने लगती हैं। इसकी उन्नत किस्में सोमानी, पंजाब सफेद, पंजाब अगेती, जौनपुरी, बॉम्बे रेड, पूसा रेशमी, अर्का, कल्याणपुर सफेद, पूसा देसी, पूसा चेतकी जैसे बीज बोये जा सकते हैं। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)