Tuesday, November 26, 2024
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दो साल बाद जगन्नाथपुर मेले में लौटी रौनक, रोज उमड़ रहे सैकड़ों लोग

रांची: कोरोना काल के दो साल बाद राजधानी रांची में लगे जगन्नाथपुर रथ मेले (Jagannathpur Fair) में लोगाें की भीड़ उमड़ रही है। प्रतिदिन दोपहर से ही लोगों का मेले (Jagannathpur Fair) में आना का शुरू हो जाता है, जो रात तक जारी रहता है। इस दौरान लोग कोरोना से बेखौफ होकर जमकर मौज-मस्ती और खरीदारी कर रहे हैं।

मेले में पारंपरिक चीजों का क्रेज –

मेले (Jagannathpur Fair) में पारंपरिक वस्तुओं के कई स्टॉल हैं। मछली पकड़ने के लिए कुमानी और जाल उपलब्ध हैं। अच्छे जाल सात सौ से नौ सौ रुपये तक उपलब्ध हैं। फिशिंग का शौक रखने वालों के लिए साठ से 150 रुपये के बीच सस्ते जाल भी उपलब्ध हैं। इसके अलावा बांसुरी, ढोलक, नगाड़े, ढोल, तबला, डमरू आदि वाद्ययंत्र भी मिल रहे हैं। पारंपरिक हथियार की दुकानों में तलवार, गड़ासा, भाला, बरछा आदि मिल रहे हैं। झूला, सर्कस वालों की बल्ले-बल्ले है।

कोई घर सजाने वाला आइटम खरीद रहा तो कोई कालीन, मेले में पारंपरिक दुकानों पर भी भीड़ जुट रही है। खेती-किसानी से जुड़ी चीजें की खूब बिक्री हो रही है। मेले में उत्तर प्रदेश के सहारनपुर की कालीन, चादर, मैट और असम के बांस की आइटम की खूब डिमांड दिख रही है। दुकानदारों का कहना है कि दो साल के बाद मेला लगा है इसलिए लोगों में जबरदस्त उत्साह दिख रहा है। भले ही आज आधुनिकता की दौड़ में सब कुछ मशीन ने जगह बना ले ली है लेकिन आज भी पारंपरिक पत्थर के सिलवट, खल और जांता वजूद में है।

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जगन्नाथपुर मेले (Jagannathpur Fair) में इन पारंपरिक चीजों का क्रेज दिख रहा है। मेले में दो सौ से ज्यादा दुकानें, 50 से ज्यादा खेल-तमाशे और 200 से अधिक ठेले और खोमचे लगे हैं। इस सांस्कृतिक मेले में लोक व्यवहार, संस्कृति और रोजमर्रा की जरूरत की वस्तुएं उपलब्ध हैं। 10 जुलाई को भगवान जगन्नाथ मौसीबाड़ी से अपने घर लौटेंगे। इसके साथ ही मेला संपन्न होगा।

कोरोना प्रोटोकॉल का असर नहीं –

राज्य में कोरोना फिर से रफ्तार पकड़ रहा है। इस बीच सरकार ने सभी तरह की पाबंदियों में छूट का आदेश दे दिया है, जिससे कि मेले से लेकर सभी तरह के आयोजन शुरू हो गए हैं। जगन्नाथ मेला (Jagannathpur Fair) में जहां हजारों की संख्या में भीड़ जुट रही है लेकिन कहीं भी कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया जा रहा है। न तो लोग मास्क लगा रहे हैं और न ही सोशल डिस्टेंसिंग को फॉलो किया जा रहा है। इसका पालन कराने वाले जिम्मेवार लोगों ने भी इसे अनदेखा कर दिया है। दो हफ्ते बाद शुरू होने वाले श्रावणी मेले में भी लाखों लोग जुटने वाले हैं, जिससे कि आशंका जताई जा रही है कि कहीं ये मेला ही कोरोना स्प्रेडर न बन जाए।

केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग के आदेश के बाद झारखंड में अधिकारियों ने सभी हॉस्पिटल्स को अलर्ट रहने का निर्देश दिया है। स्टाफ को ट्रेनिंग देते हुए मॉक ड्रिल करने का निर्देश दिया है, जिससे कि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके। इसके लिए आक्सीजन सपोर्टेड बेड, पीएसए प्लांट से लेकर इमरजेंसी की सभी दवाएं रखने को कहा गया है। इसके अलावा फाइव फोल्ड स्ट्रैटजी टेस्ट, ट्रैक, ट्रीट, वैक्सीनेट एंड कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर का सख्ती से पालन कराने को कहा है, जिससे कि कोविड संक्रमण की रफ्तार कम की जा सके। साथ ही वेंटीलेटर और आक्सीजन सिलेंडर की उपलब्धता सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है। पीएसए प्लांट को हमेशा तैयार रखने का निर्देश है, जिससे कि जरूरत पड़ने पर आक्सीजन सिलेंडर रीफिल करने में किसी तरह की परेशानी न हो।

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