गोपेश्वरः जम्मू-कश्मीर के पूंछ जिले में आतंकियों से हुई मुठभेड़ के दौरान सर्वोच्च बलिदान देने वाले चमोली जिले के सांकरी गांव निवासी सैनिक योगंबर सिंह का रविवार को पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार किया गया। आज सुबह उनका पार्थिव शरीर पैतृक गांव सांकरी लाया गया। शहीद जवान का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंचते ही हर की किसी की आंखें नम हो गई। उनके अंतिम यात्रा में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। लोगों ने ‘जब तक सूरज चांद रहेगा, योगंबर तेरा नाम रहेगा‘ के नारे भी लगाए और नम आंखों से उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित किए।
नहीं रुक रहें परिजनों के आंसू
वहीं योगंबर की याद में परिजनों के आंसू नहीं थम रहे हैं। योगंबर की मां हर समय बेटे को ही पुकार रही हैं। शोक में डूबे परिवार को ढांढस बंधाने पहुंच रहे लोगों के भी आंसू छलक रहे हैं। योगंबर के दीपावली पर घर आने की राह देख रहे माता-पिता, पत्नी, बहन, भाई सहित पूरे परिवार पर अचानक दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। योगंबर की मां जानकी देवी और पत्नी कुसुम बेसुध हैं। पूरे सांकरी गांव में शोक का माहौल है।
बता दें कि विकासखंड पोखरी के सांकरी गांव निवासी राइफलमैन योगंबर सिंह पुत्र बीरेन्द्र सिंह भंडारी 17 गढ़वाल राइफल्स में तैनात थे। वह वर्तमान में सेना की 48 आरआर रेजीमेंट में जम्मू-कश्मीर में ड्यूटी पर थे। पुंछ जिले में 14 अक्टूबर की रात को चलाए गए सर्च ऑपरेशन के दौरान आतंकियों से मुठभेड़ में योगंबर सिंह वीरगति को प्राप्त हुए थे। शहीद सैनिक की अंतिम विदाई में सैकड़ों लोगों ने शामिल होकर नम आंखों से उन्हें श्रद्धांजलि दी। वहीं सर्वोच्च बलिदान देने वाले चमोली जिले सैनिक योगंबर सिंह का रविवार को पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम बिदाई दी गई।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के पुंछ और राजौरी जिलों में पिछले 24 घंटों के दौरान आतंकवाद विरोधी अभियान में एक जूनियर कमीशंड अधिकारी (जेसीओ) सहित सेना के चार और जवान शहीद हो गए थे। इस ऑपरेशन शनिवार में अब तक दो जेसीओ समेत 9 जवान शहीद हो चुके हैं।
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