Criminal Aman Singh shot dead: झारखंड के धनबाद जेल में बंद कुख्यात अपराधी अमन सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गयी है। जेल में गैंगवार की इस घटना से सनसनी मच गई है। अमन सिंह पर धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह की हत्या के अलावा सुपारी किलिंग, रंगदारी, धमकी भरे कॉल और रंगदारी की एक दर्जन से अधिक घटनाओं का आरोप था। जेल के अंदर छह से सात गोलियां मारी गईं।
जेल में मची अफरा-तफरी
गोली लगने के बाद उन्हें तुरंत धनबाद मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। जेल में रहने के बावजूद अमन सिंह धनबाद में आतंक का पर्याय बना रहा। जेल में जैसे ही उन्हें गोली मारे जाने की खबर फैली, चारों ओर अफरा-तफरी मच गयी। हालात पर काबू पाने के लिए जेल प्रशासन को घंटी बजानी पड़ी। घटना की खबर मिलते ही धनबाद डीसी, एसएसपी समेत तमाम आला अधिकारी जेल पहुंचे। राज्य पुलिस मुख्यालय ने घटना की जांच के लिए राज्य स्तरीय तीन सदस्यीय टीम धनबाद भेजी है। जेल में अमन को गोली किसने मारी और जेल में हथियार कैसे पहुंचा, इसकी जांच की जा रही है।
कई अपराधों में था शामिल
धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह की हत्या मामले में यूपी एसटीएफ ने मई, 2021 में अमन सिंह को यूपी के मिर्जापुर जेल के बाहर से गिरफ्तार कर धनबाद पुलिस को सौंप दिया था। धनबाद जेल में आते ही अमन सिंह का गिरोह न सिर्फ जेल के अंदर बल्कि पूरे धनबाद कोयलांचल में राज करने लगा। उसका गिरोह धनबाद और बोकारो के व्यवसायियों और डॉक्टरों से रंगदारी वसूलने लगा। उसने सुपारी लेकर कई लोगों की हत्या की थी। अमन सिंह गैंग ने गुजरात के वलसाड के बीजेपी नेता शैलेश पटेल की भी हत्या करवाई थी। उसके गुर्गे आजमगढ़ निवासी वैभव यादव और अयोध्या निवासी आशीष उर्फ सत्यम ने दो अन्य शूटरों के साथ मिलकर शैलेश पटेल की हत्या की थी। बंगाल के आसनसोल के बीजेपी नेता राजू झा की भी अमन गैंग ने हत्या कर दी थी। अमन सिंह गिरोह पर धनबाद के बरवाअड्डा स्थित कुर्मीडीह निवासी राजकुमार साव की हत्या का भी आरोप था।
हाईकोर्ट ने किया था बरी
हालांकि, धनबाद पुलिस एक बार फिर कोर्ट में अमन सिंह के खिलाफ आरोप साबित करने में सफल नहीं हो पायी। कोर्ट ने उन्हें कई मामलों में बरी कर दिया था। इधर, जेल में हुई हत्या की घटना को लेकर झारखंड प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सीधे तौर पर सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, मैं शुरू से कहता आ रहा हूं कि जब जेल में बंद अपराधी, दलाल, बिचौलिए, अधिकारियों और सत्ता में बैठे लोगों के साथ मिलकर सरकार चलाएंगे और जेल से ही मोबाइल फोन के जरिए वसूली करेंगे तो कैसे करेंगे। अपराध कम हो जाये? जब राज्य का मुखिया अपराधियों को संरक्षण देगा, उनसे वसूली कराएगा, उन्हें जेल में सारी सुख-सुविधाएं देगा और सरकार चलाएगा, तो जेल में हथियार तो पहुंचेंगे ही।’
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