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किराएदार की पीट-पीटकर हत्या करने के वाला बदमाश गिरफ्तार, 2016 में….

नई दिल्लीः लाजपत नगर के नेहरू नगर में किराएदार की पीट-पीटकर हत्या करने के मामले में छह साल से फरार चल रहे एक भगोड़े बदमाश को दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपित की पहचान जगदीश उर्फ जग्गी (40) के रूप में हुई है। 19 अक्टूबर 2016 को जगदीश ने मकान मलिक राकेश व अन्यों के साथ मिलकर अश्विनी कपूर नामक बुजुर्ग की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।

मामले में लाजपत नगर थाना पुलिस ने मकान मालिक राकेश, उसकी पत्नी सीता, राकेश के भाई संदीप और राकेश की साली सरिता को गिरफ्तार कर लिया था। लेकिन जगदीश और कुलविंदर नामक आरोपी लगातार फरार चल रहे थे। पुलिस को अब कुलविंदर की तलाश है।

अपराध शाखा के डीसीपी अमित गोयल ने बताया कि 19 अक्टूबर 2016 को राकेश, उसके परिवार व अन्यों ने अपने किराएदार मोनिका कूपर (34) और इसके बुजुर्ग पिता अश्विनी कपूर की बुरी तरह पिटाई कर दी थी। दरअसल मोनिका व उसके पिता ने एक करीब दो साल पूर्व राकेश की मां सुमित्रा से किराए पर मकान लिया था। इसके लिए परिवार ने सुमित्रा को दो लाख रुपये एडवांस भी दिए थे। लेकिन सुमित्रा की मौत होने पर उसके बेटे राकेश ने मोनिका व उसके परिवार पर मकान खाली करने का दबाव बनाया।

मोनिका के पिता ने जब अपने दो लाख एडवांस वापस मांगे तो उन्होंने देने से मना कर दिया। इसके बाद वारदात को अंजाम दिया गया। बुजुर्ग अश्विनी और उनकी बेटी को मूलचंद अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान बुजुर्ग की मौत हो गई। पुलिस ने मामले में चार आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। लेकिन जगदीश और कुलविंदर लगातार फरार चल रहे थे। मई 2017 में साकेत कोर्ट ने दोनों आरोपितों को भगोड़ा घोषित कर कर दिया।

पुलिस लगातार उसकी तलाश कर रही थी। अपराध शाखा की टीम भी आरोपितों की तलाश में जुटी रही। इस बीच शुक्रवार को अपराध शाखा की टीम को सूचना मिली कि आरोपित जगदीश अपने नेहरू नगर वाले घर पर आने वाला है। सूचना के बाद टीम ने आरोपित को वहीं से दबोच लिया।

आरोपित ने बताया कि उसके पिता ने नेहरू नगर के अलावा मीठापुर बदरपुर में भी एक मकान लिया हुआ था। घटना के बाद पहले तो वह फरार हो गया, लेकिन बाद में वह मीठापुर वाले मकान में छिपकर रहने लगा। इसके बाद उसने एक स्कूल बस चालक की नौकरी कर ली। लेकिन कोविड के बाद से वह लगातार बेरोजगार चल रहा था।

चूंकि उसे शराब और स्मैक पीने की लत थी, इसलिए उसे रुपयों की जरूरत रहती थी। मकान मालिक राकेश उसकी जरूरतों के लिए पैसे देता था। राकेश के कहने पर ही उसने कुलविंदर के साथ मिलकर बुजुर्ग की पिटाई की, जिसकी वजह से उनकी मौत हो गई थी।

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