Saturday, January 25, 2025
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अध्ययन में हुआ खुलासा फेफड़ों में 2 साल तक रह सकता है Covid Virus

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Covid Virus, लंदन: एक अध्ययन में पता चला है कि कोविड-19 का कारण बनने वाला वायरस सार्स सीओवी-2 कुछ व्यक्तियों के फेफड़ों में संक्रमण के बाद 18 महीने तक रह सकता है। नेचर इम्यूनोलॉजी जर्नल में छपे एक अध्ययन से पता चला कि, कोविड वायरस का बने रहना जन्मजात प्रतिरक्षा की विफलता से जुड़ा हुआ है।

कोविड से संक्रमित होने के एक से दो सप्ताह बाद, सार्स सीओवी-2 वायरस आमतौर पर ऊपरी श्वसन नली में पता नहीं चल पाता है। बता दें कि, कुछ वायरस संक्रमण पैदा करने के बाद शरीर में अज्ञात तरीके से बने रहते हैं। ये वहां बने रहते हैं जिसको वायरल भंडार के रूप में जाना जाता है।

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ये एचआईवी का मामला है, जो कुछ प्रतिरक्षा कोशिकाओं में गुप्त रहता है और किसी भी वक्त सक्रिय हो सकता है। इंस्टीट्यूट पाश्चर की टीम ने कहा, ये सार्स सीओवी 2 वायरस का भी मामला हो सकता है, जो कोविड-19 का कारण बनता है। जिसने पहली बार 2021 में सिद्धांत की परिकल्पना की थी और अब एक नॉन-ह्यूमन प्राइमेट के प्री-क्लिनिकल मॉडल में इसकी पुष्टि की है।

सार्स सीओवी 2 वायरस की दृढ़ता का अध्ययन करने के लिए वैज्ञानिकों ने उन पशु मॉडलों के जैविक नमूनों का विश्लेषण किया है जो वायरस से संक्रमित थे। जिसमे उन्होंने पाया कि, फेफड़ों में लगातार बने रहने वाले वायरस की मात्रा मूल सार्स सीओवी 2 स्ट्रेन की तुलना में ओमिक्रॉन स्ट्रेन के लिए कम थी।

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इंस्टीट्यूट पाश्चर की एचआईवी, सूजन और दृढ़ता इकाई के शोधकर्ता निकोलस हुओट ने कहा कि, ‘हम वास्तव में इतनी लंबी अवधि के बाद और जब नियमित पीसीआर परीक्षण नकारात्मक थे, कुछ प्रतिरक्षा कोशिकाओं वायुकोशीय मैक्रोफेज में वायरस पाकर आश्चर्यचकित थे। इसके अलावा, हमने इन वायरस का संवर्धन किया और एचआईवी का अध्ययन करने के लिए विकसित किए गए उपकरणों का उपयोग करके यह देखने में सक्षम हुए कि वे अभी भी प्रतिलिपि बनाने में सक्षम थे।’

इन वायरल भंडारों को नियंत्रित करने में जन्मजात प्रतिरक्षा की भूमिका को समझने के लिए, वैज्ञानिकों ने फिर अपना ध्यान एनके कोशिकाओं की ओर लगाया। मुलर-ट्रुटविन ने कहा कि, ‘जन्मजात प्रतिरक्षा की सेलुलर प्रतिक्रिया, जो शरीर की रक्षा की पहली पंक्ति है, का अब तक सार्स सीओवी 2 संक्रमणों में बहुत कम अध्ययन किया गया है। फिर भी ये लंबे समय से ज्ञात है कि, एनके कोशिकाएं वायरल संक्रमण को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।’

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