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एयरसेल-मैक्सिस मामले में अदालत ने चिदंबरम को दी ये राहत

नई दिल्लीः दिल्ली की एक अदालत ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी चिदंबरम को एयरसेल -मैक्सिस मामले में सोमवार को व्यक्तिगत पेशी की छूट दी और उनके पुत्र कार्ति इसी मामले में प्रवर्तन निदेशालय और केन्द्रीय जांच ब्यूरो के समक्ष पेश हुए। चिदंबरम के वकील अर्शदीप सिंह ने दिल्ली की राऊज एवेन्यू अदालत को जानकारी दी कि श्री चिदंबरम का पहले से ही हवाई यात्रा का कार्यक्रम तय था और ऐसे में वह अदालत के समक्ष व्यक्तिगत तौर पर पेश नहीं हो सकते हैं, जिसे देखते हुए अदालत ने उन्हें यह अनुमति दे दी।

विशेष न्यायाधीश एम के नागपाल ने उन्हें एक दिन की विशेष छूट देते हुए कहा कि इससे पहले इसी मामले में उन्हें अग्रिम जमानत दी गई थी। अदालत ने कार्ति को जमानत के लिए एक अर्जी दायर करने का निर्देश दिया और इस मामले की सुनवाई 20 जनवरी 2022 को तय की गई है।

इससे पहले 27 नवंबर को अदालत ने जांच एजेंसियों की ओर से भ्रष्टाचार तथा धनशोधन मामले में दायर किए गए आरोप पत्र पर संज्ञान लिया था। इन एजेंसियों की तरफ से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने कहा था कि इन एजेंसियों ने मामले में जांच के लिए विदेशी अदालतों के जरिए जानकारी हासिल करने के मामले में पत्र लिखे हैं तथा इनमें कुछ प्रगति हुई है।

केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने इससे पहले अदालत को अवगत कराया था कि वह इस मामले में नए पहलुओं की जांच कर रही है तथा दोनों ही एजेंसियों ने अदालत में स्थिति रिपोर्ट दायर की थी।

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गौरतलब है कि यह मामला विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड में हुई कथित अनियमितताओं से जुड़ा था और इसमें श्री चिदंबरम ने 2006 में यह अनुमति दी थी। वह उस समय केन्द्रीय मंत्री थे और वह उस समय के नियमों के दायरे के तहत विदेशी निवेश के प्रस्तावों में 600 करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी दे सकते थे लेकिन उन्होंने इस मामले में मंजूरी देने की प्रकिया को तब तक रोक कर रखा था जब तक उनके बेटे को कंपनी की तरफ से पांच प्रतिशत की हिस्सेदारी नहीं मिली थी।

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